ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश फतेहपुरसर्दी व कोहरे में रेलवे प्रशासन सतर्क

सर्दी व कोहरे में रेलवे प्रशासन सतर्क

फतेहपुर। हिन्दुस्तान संवाद सर्दी के साथ शुरू हुए कोहरे से निपटने के लिए रेलवे...

सर्दी व कोहरे में रेलवे प्रशासन सतर्क
हिन्दुस्तान टीम,फतेहपुरTue, 19 Jan 2021 04:50 PM
ऐप पर पढ़ें

फतेहपुर। हिन्दुस्तान संवाद

सर्दी के साथ शुरू हुए कोहरे से निपटने के लिए रेलवे ने भी सतर्कता अपनानी शुरू कर दी है। इस क्रम में निर्बाध ट्रेनों का संचालन कराए जाने के लिए रात्रि में रेलवे लाइनों को चेक करने के लिए सेक्शन में हर दो किलोमीटर पर रेलवे लाइन की चेकिंग स्टाफ द्वारा कराई जा रही है। स्टाफ द्वारा रात दस बजे से लेकर सुबह छह बजे तक लाइन में गश्त करके उसे चेक किया जाता है, साथ ही कोई भी गड़बड़ी होने पर सम्बंधितों को जानकारी दी जाती है जिससे समय पर कमियों को दूर किया जा सके।

बीसीएम मशीन से कराए जा चुके पत्थर दुरुस्त

सर्दी अधिक होने पर रेलवे लाइन में मामूली फैक्चर आ जाता है। जिसके चलते सर्दी की शुरुआत होते ही बीसीएम मशीन के माध्यम से रेलवे लाइन पर बिछे गाटरों के पत्थरों को पहले ही दुुरस्त करवा लिया गया। जानकारों का कहना है कि मशीन द्वारा पत्थरों की मिट्टी हटाने के साथ पत्थरों को फ्रेश कर दिया जाता है जिससे रेलवे लाइन पर ट्रेन गुजरने के दौरान जंपिंग मिल सके जिससे फैक्चर न हो सके।

सर्दी अधिक होने पर चटक जाती पटरियां

विभागीय जानकारों की मानें तो सर्दी के समय रेलवे की पटरियों में सिकुडन आने लगती है जिसके चलते पटरी टूटने की घटनाएं होने लगती है। इन घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे लाइन पर लगातार निगाह रखने के लिए कर्मचारियों की टीम को नियुक्त कर दिया गया है। जिससे रात दस बजे से लेकर सुबह छह बजे तक हर दो किलोमीटर पर मौजूद कर्मचारी रात्रि गश्त करते हुए इस पर निगाह रखते है।

...तो लगाए जाते है पटाखे

बताते है कि अधिक कोहरा होने के चलते लोको पायलट को सिग्नल देखने में परेशानी होती है। यदि कहीं रेलवे लाइन के चटकने की घटना प्रकाश में आने के बाद ट्रेन आती देख रात्रि में पेट्रोलिंग करने वाले कर्मचारियों द्वारा पटरियों पर पटाखे लगाए जाते है जिसकी आवाज पर पायलट चौकन्ने होकर ट्रेन को रोक देते है। जिसके बाद सम्बंधित विभाग पटरियों को दुरुस्त करने के काम में जुट जाते है।

स्पीड कम होने के साथ लगती उम्दा एलईडी

कोहरे के समय ट्रेनों की निर्धारित रफ्तार को कम कर दिया जाता है। साथ ही कासन भी लगा दिए जाते है, जिससे ट्रेन तेज गति से न दौड़ सके। इसके साथ ही सिग्नलों सहित ट्रेन के इंजन में उम्दा क्वालिटी की एलईडी भी लगा दी जाती है। जिससे ट्रेनों के संचालन में अधिक प्रभाव न पड़ सके, स्पीड कम होने के साथ कासन लगने के कारण कोहरे व सर्दी के समय अधिकतर ट्रेने घंटो लेट हो जाती है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें