बंदरों के उत्पात से लोग परेशान
खागा, संवाददाता नगर में बंदरों के आतंक से होने वाली यह घटनाएं कई साल

खागा, संवाददाता
नगर में बंदरों के आतंक से होने वाली यह घटनाएं कई साल पहले की हैं लेकिन इनके जख्म न केवल परिजनों बल्कि समूचे नगरवासियों के जेहन में अब भी हरे हैं। ऐसे न जाने कितने केस है जिनमे बंदरों ने लोगों को प्राणघातक पीड़ा दी है। लोगों ने छोटे बच्चों को घरों पर खुला छोड़ना बन्द कर दिया है। छत या फिर खुली जगहों पर जाने पर हाथ में डंडा या एयर राइफल होती है। नगर में बंदरों की तादाद में खासा इजाफा हो गया है। लोग हैरान और परेशान है।
बीमारी फैलने का भी रहता है खतरा
बंदर और इंसान की साझा आबादी लोगों के लिए खतरा भी बन सकती है। बंदरों को होने वाली बीमारी इंसानों में भी हो सकती है। इंसान और बंदरों की रचना काफी मिलती है। डॉक्टर कहते हैं कि बंदरों के काटने की समस्या आम हो सकती है। इससे रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी होने का भी अंदेशा होता है।
प्लाटों पर सब्जियां उगाना हुआ बंद
बंदरों के आतंक से लोगों ने खाली प्लाटों पर सब्जियों बोना बंद कर दिया है। इसके अलावा नगरीय क्षेत्र से सटे हुए खेतों में भी टमाटर, बैंगन, गोभी, ककड़ी, खीरा, तरोई, खरबूज,तरबूज, भिंडी जैसी सब्जियों और फलों की खेती करना बंद हो चुका है। बोने के बाद फल आने पर यह लोगों की बजाए बंदरों के पेट में जाता है या फिर बर्बाद हो जाता है।
