जान जोखिम में डाल राहगीर करते रेलवे क्रॉसिंग पार
फतेहपुर। संवाददाता जल्दबाजी के चलते लोग अपनी जान की परवाह भी नहीं करते न
फतेहपुर। संवाददाता
जल्दबाजी के चलते लोग अपनी जान की परवाह भी नहीं करते न ही उन्हे रोकने के लिए जिम्मेदार ही गंभीर दिखाई देते हैं। ऐसा ही नजारा शादीपुर स्थित रेलवे फाटक संख्या 49 में देखने को मिलता है। जहां सुरक्षा के कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिससे बंद रेलवे फाटक से बाइक व साइकिल सवारों के निकलने का सिलसिला चलता रहता है। यदि ड्यूटी पर मौजूद प्वाइंट्समैन उन्हे रोकने की कोशिश करता है तो विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
अति व्यस्ततम हावड़ा-दिल्ली रेल मार्ग पर हर दस से पंद्रह मिनट में ट्रेनों का आवागमन बना रहता है। ट्रेनों के आवागमन के दृष्टिगत रेलवे फाटक को बंद कर दिया जाता है। शहर की एकमात्र रेलवे क्रासिंग होने व लंबा सफर तय करने से बचने के कारण राहगीरों की खासी भीड़ शादीपुर रेलवे फाटक पर लग जाती है। ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली होने के चलते ट्रेन आने के समय फाटक को नहीं खोला जा सकता। ऐसे में बाइक सवार व साइकिल सवार बिना रोक टोक के जान जोखिम में डालकर फाटक को पार करते दिखाई देते हैं। कहने को तो यहां पर आरपीएफ के जवानों की ड्यूटी रहती है लेकिन जवानों के नदारत रहने के कारण बंद फाटक के नीचे से निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। बताते हैं कि कई बार मौजूद प्वाइंट्मैन द्वारा बाइक सवारों को रोकने का प्रयास किया गया। जिससे उनके साथ गाली गलौच व मारपीट की नौबत तक बन गई। विवाद से बचने के कारण रेल कर्मी बाइक सवारों की मनमानी को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाते, कई बार तो बंद रेलवे फाटक से निकलने के कारण बाइकें फाटक के अंदर फंस चुकी है तथा तेजी से वाहन निकालने के कारण बीते दिनों साउथ साइड का बूम भी टेढ़ा हो चुका है। इसके बावजूद जिम्मेदार इस ओर गंभीरता नहीं बरत रहे हैं।