बढ़ता जा रहा संक्रमण, घटती जा रही निगरानी
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिले के लोगों में दहशत माहौल है। अनलाक-2 के चलते अब अधिकांश लोग घरों से बाहर निकलते हैं। गाइडलाइन के अनुसार कंटेनमेंट जोन के नियमों में भी फेरबदल हुआ है। इस...
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिले के लोगों में दहशत माहौल है। अनलाक-2 के चलते अब अधिकांश लोग घरों से बाहर निकलते हैं। गाइडलाइन के अनुसार कंटेनमेंट जोन के नियमों में भी फेरबदल हुआ है। इस समय जिले में कंटेनमेंट जोन की संख्या डेढ़ सैकड़ा से अधिक है।
सभी कंटेनमेंट जोन क्षेत्रों में आगामी आदेश तक आवागमन प्रतिबंधित है। लेकिन यह सिर्फ कागजों में हो रहा है। शहर के कई मोहल्लों के साथ कई गांवों को कंटेनमेंट जोन में तब्दील करने के बाद भी जिला प्रशासन की नजर वहां तक नहीं है। पदाधिकारियों को पता तक नहीं है कि उनके क्षेत्र में कौन मरीज मिला है और जिला प्रशासन ने किस क्षेत्र को सील किया है, जबकि यहां के लोग बेखौफ होकर शहर में काम करने और बाजार पहुंच रहे हैं। शहर के सिविल लाइन के जिन-जिन क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन में शामिल किया हुआ है। गाइडलाइन के अनुसार मरीज मिलने वाले स्थान को 250 मीटर रेडियस के तहत सील किया जाना चाहिए। साथ ही क्षेत्र के जिम्मेदार को भी इसकी खबर होनी जरूरी है, जिससे वह भी अपने स्तर से वायरस के फैलाव को रोकने में मदद कर सकें। हालात यह है कि सम्बन्धित अधिकारी के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी इस बात का पता नहीं है कि उन्हें किस क्षेत्र में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। कंटेनमेंट जोन बनाए जरूर गए हैं कि यहां किसी तरह की कोई बंदिश नहीं है। बेपरवाही जारी है और वायरस के संक्रमण का खतरा फैलने की पूरी आशंका बनी हुई है।