हाईटेक व्यवस्था में नकल माफियाओं ने लगा ली सेंध
यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन सम्पन्न कराने के लिए की गई हाईटेक व्यवस्था को भी नकल माफियाओं ने धता बताते हुए व्यवस्था में सेंधमारी कर ली। जिस तरह से नकल रोकने के लिए वेबकास्टिंग तक की व्यवस्था की...
यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन सम्पन्न कराने के लिए की गई हाईटेक व्यवस्था को भी नकल माफियाओं ने धता बताते हुए व्यवस्था में सेंधमारी कर ली। जिस तरह से नकल रोकने के लिए वेबकास्टिंग तक की व्यवस्था की गई है उसी तरह से नकल कराने वालों ने भी व्यवस्था में तब्दीली करते हुए कैमरों की नजर बचाकर बाहर से कापियां लिखा कर सम्मिलित करने का फंडा अपना लिया है। शनिवार को हथगाम के चौधरी जगरूप सिंह इंटर कालेज के बाहर पकड़ी गईं 14 कापियां इसका जीता जागता उदाहरण है। बीते 18 फरवरी से चल रही बोर्ड परीक्षाओं में आए दिन किसी न किसी केन्द्र में कापियां बाहर लिखे जाने की सूचनाएं सोशल मीडिया पर वायरल होती रही हैं। सूचना पर पहुंचने वाले सचल दलों को कुछ भी हाथ नहीं लग रहा था। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि कहीं विभागीय मिलीभगत तो नहीं। सूत्र बताते हैं कि जिले के करीब आधा दर्जन से अधिक परीक्षा केन्द्रों में कापियां बाहर से लिख कर सम्मिलित कराई जा रही हैं, लेकिन जिम्मेदार गम्भीर नहीं दिख रहे हैं। जबकि जिले में स्टेटिक, सेक्टर मजिस्ट्रेट के अलावा आधा दर्जन से अधिक सचल दलों समेत जिले में पर्यवेक्षक डेरा जमाए हुए हैं।
हथगाम में पकड़ी गई कापियों से जिला प्रशासन में हड़कम्प मचा दिया है। पुलिस द्वारा केन्द्र के बाहर तेहिपारा मोहल्ले स्थित वार्ड व्याय अनरुद्ध सिंह यादव के खाली पड़े मकान से कापियां लिखते हुए पकड़ी गई। जिसमें तीन कापियां कवर वाली तो 11 कापी बिना कवर की पाई गईं। जिनमें परीक्षार्थियों के अनुक्रमांक और विद्यालय की मुहर लगी होना पाया गया। हालांकि सभी साल्वर मौके से भाग जाने में सफल हो गए। मकान मालिक विद्यालय प्रबंधक का रिश्तेदार बताया जा रहा है।
नकल का ठेका लेने वाले लोगों ने हाईस्कूल एवं इंटरमीडियट की कापियां लिखे जाने का अलग अलग रेट भी निर्धारित किया गया है। सूत्र बताते हैं कि हाईस्कूल के लिए 20 से 25 हजार रुपए तथा इंटर के लिए 25 से 30 हजार रुपए का ठेका लिया जाता है। बोर्ड परीक्षा में जिले में 10 केन्द्रों को संवेदनशील तो पांच केन्द्रों को अति संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। जहां पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। जिनकी जिम्मेदारी है कि परीक्षा दौरान पूरे समय केन्द्र में रहते हुए अपने समक्ष कापियों को सील कराते हुए संकलन केन्द्र भेजना रहता है। हथगाम के संवेदनशील केन्द्र में पकड़े गए नकल के खेल में दोनों केन्द्र व्यवस्थापकों पर कार्रवाई तो की गई है लेकिन स्टेटिक मजिस्ट्रेट को दायरे में नहीं लिया गया। जबकि स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती डीएम द्वारा की गई है। हथगाम के संवेदनशील केन्द्र के बाहर पकड़ी गई कापियों के चलते केन्द्र में दूसरी पाली की परीक्षा सकुशल सम्पन्न कराने के लिए विभाग को मशक्कत करनी पड़ी। डीआईओएस द्वारा प्रभारी बनाकर भेजे गए डा. हेमंत त्रिपाठी ने बताया कि दूसरी पाली की परीक्षा में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ है। कुछ कक्ष निरीक्षक नहीं आना चाह रहे थे लेकिन उन्हे समझाते हुए बुलाया गया और शांतिपूर्वक परीक्षा सम्पन्न हुई।