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हर क्षेत्र में मनुष्यता आवश्यक है, ये साहित्य से संभव: असगर वजाहत

हथगाम। संवाददाता सात आसमान, जिन लाहौर नइ देख्या, नाटक महाबली, कैसी आगी लगाई...

हर क्षेत्र में मनुष्यता आवश्यक है, ये साहित्य से संभव: असगर वजाहत
हिन्दुस्तान टीम,फतेहपुरSat, 04 Dec 2021 03:15 AM
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हथगाम। संवाददाता

सात आसमान, जिन लाहौर नइ देख्या, नाटक महाबली, कैसी आगी लगाई जैसे कालजयी लेखन से विश्व के चर्चित लेखकों में शुमार डा. असगर वजाहत ने समाज में साहित्य की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। नगर के ठाकुर जय नारायण सिंह पीजी कालेज में आयोजित संगोष्ठी में में बोल रहे थे। उसके बाद कंपोजिट विद्यालय मोहलिया में नवनिर्मित पुस्तकालय का फीता काटकर शुभारंभ भी किया।

प्राचार्य रमेश चंद्र ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि सैयद अब्दुल्ला जाफरी को शाल भेंट कर सम्मानित किया। डा. असगर वजाहत ने समाज में साहित्य की भूमिका विषयक संगोष्ठी पर कई प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया किस तरह साहित्य, संगीत, कला, कविता ने न जाने कितने लोगों को आत्महत्या करने से रोका। उन्होंने कहा कि मनुष्यता हर क्षेत्र में आवश्यक है और यह मनुष्यता साहित्य से ही संभव है। साहित्य एवं शिक्षा नहीं है तो मनुष्य मनुष्य नहीं हो सकता। कहा कि साहित्यकार दुनिया से जाने के बाद भी समाज का भला करता रहता है। समाज को सभ्य, संस्कारित, सुंदर एवं शांतिप्रिया बनाने में साहित्य महती बड़ी भूमिका है। साहित्य ने राष्ट्रीय आंदोलन को गति दी थी। यहां विनोद मौर्य, हरि गोविंद,लव प्रताप सिंह,रमेश मौर्य,जितेंद्र सिंह,प्रवीण कुमार, जितेंद्र गुप्ता,अनिल द्विवेदी, नमिता यादव आदि रहे।

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