मन में कुछ करने की हसरत और लगन के साथ आगे बढ़ने वालों को कामयाबी जरूर मिलती है। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण खुद को आत्मनिर्भर बनाने की सोच पैदा हुई तो आज सावित्री देवी मिसाल बन गईं। न सिर्फ खुद को मजबूत किया बल्कि गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार देने में सफल हुईं। उन्होंने रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय शुरू किया और अपने गांव समेत आसपास की महिलाओं को रोजगार से जोड़ दिया।
फतेहपुर जनपद के देवमई ब्लॉक के लच्छीखेड़ा गांव की रहने वाली सावित्री देवी को रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय करने के लिए रुपए की आवश्यकता हुई तो सहायता समूह से मात्र 20 हजार रुपए की मदद लेकर रोजगार शुरू कर दिया। शुरुआत में काफी समस्याएं आईं पर वह डटी रहीं। उन्होंने ग्रामीण परिवेश में खपने वाले कपड़ों को आधार बनाया। अब वह विभिन्न वैरायटी के कपड़ों का व्यापार कर रही हैं और उसमें गांव समेत अन्य गांवों की महिलाओं को जोड़ लिया। उन्होंने खुद के परिवार की आर्थिक मदद के साथ करीब 20 महिलाओं की गृहस्थी की राह आसान कर दी है। सावित्री ने बताया कि कोई काम करने के लिए शुरू में थोड़ी दिक्कतें आती हैं लेकिन आगे सब ठीक हो जाता है। महिलाएं भी रोजगार करके खुद के परिवार के भरण-पोषण के साथ-साथ अपने बच्चों के भविष्य निर्माण में भी सहायता कर रही हैं। खासकर अपनी बेटियों को पढ़ा-लिखा रही हैं। आर्थिक संकट में आमतौर पर उन्हीं की पढ़ाई पहले रुकती है।