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लॉकडाउन में मददगार बनी हरी सब्जियां रुलाने लगी

लॉक डाउन के दौरान सस्ती सब्जी बिकने के पीछे किसान की मजबूरी कहें या जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए दामों का भय जिसके चलते इस अवधि में सब्जी काफी सस्ती बिक रही थी। लेकिन लॉक डाउन समाप्त होने के बाद से...

लॉकडाउन में मददगार बनी हरी सब्जियां रुलाने लगी
हिन्दुस्तान टीम,फतेहपुरSun, 28 Jun 2020 04:58 PM
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लॉक डाउन के दौरान सस्ती सब्जी बिकने के पीछे किसान की मजबूरी कहें या जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए दामों का भय जिसके चलते इस अवधि में सब्जी काफी सस्ती बिक रही थी। लेकिन लॉक डाउन समाप्त होने के बाद से ही सब्जी के दामों में बेतहाशा वृद्धि होने से सब्जी के दाम एकाएक बढ़ने से मध्यमवर्गीय परिवारों के किचन से टमाटर तो जैसे गायब ही होने लगा। हालांकि इसके पीछे दुकानदार डीजल की मंहगाई को भी कारण बता रहे है, इसके साथ ही दुकानदारों का मानना है कि बरसात व सब्जियों के अन्य जनपदों में सप्लाई होने की वजह से मण्डी में सब्जी की आपूर्ति भी कम हो रही है, जिससे दिन प्रतिदिन मंहगाई बढ़ती जा रही है। पेश है एक रिपोर्ट.........

परेशानी बयां करते लोग

लॉक डाउन की अवधि के दौरान गरीबों के किचन तक सभी सब्जियां पहुंच रही थी, लेकिन इस समय कमाई के हिसाब से सब्जी खरीदना पड़ रहा है। पहले महज सौ रुपए की सब्जी में पूरा थैला भर जाता था, लेकिन इस समय दो गुने रुपए में एक पन्नी तक नहीं भर पाती। मंहगाई की वजह से भोजन का स्वाद भी कम होने लगा है।

मनीष जायसवाल, कलक्टरगंज

लॉक डाउन समाप्त होने के बाद जहां सब्जियों की सप्लाई बाहरी जनपदों के लिए होने लगी है, वहीं डीजल के दाम भी एकाएक बढ़ गए है। जिसका असर किचन में साफ दिखाई देने लगा है लॉक डाउन के समय काफी ठीक था हर वर्ग के किचन में स्वाद बढ़ा था, लेकिन इस समय मध्यमवर्ग की कमर टूट रही है।

प्रदीप गुप्ता, रानी कालोनी

डीजल-पेट्रोल के दाम में वृद्धि होने के साथ ही थोक का बाजार मंहगा हो गया जिससे फुटकर बाजार पर भी असर पड़ने लगा। टमाटर के दाम तो अप्रत्याशित तरीके से बढ़ने से खाने का स्वाद कम होने लगा है। इसके साथ ही अन्य सब्जियों पर भी मंहगाई बढ़ी हुई है जिससे वर्तमान में हरी सब्जियां कम खाई जा रही है।

शैलेंद्र तिवारी, आवास विकास

डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने के साथ ही बरसात शुरु हो जाने से पर्याप्त मात्रा में सब्जी की आपूर्ति थोक विक्रेताओं के पास न होने से सभी सब्जियां काफी मंहगी हो चुकी है। जिसमें से टमाटर तो आम आदमी की पहुंच से दूर होता जा रहा है, इसके साथ ही अन्य सब्जियों पर भी मंहगाई छाने से खाने का स्वाद भी फीका होता जा रहा है।

आकाश मोदनवाल,पीलू तले

इनसेट..

सब्जी के दामों पर एक नजर

सब्जी लॉक डाउन(प्रति किलो) वर्तमान में(प्रति किलो)

आलू 15 रुपए 25 रुपए

प्याज 10 रुपए 15 रुपए

टमाटर 10 रुपए 70 रुपए

लहसुन 80 रुपए 120 रुपए

तरोई 08 रुपए 30 रुपए

बैगन 10 रुपए 40 रुपए

कद्दू 05 रुपए 20 रुपए

लौकी 05 रुपए 15 रुपए

हरी धनियां 50 रुपए 200 रुपए

हरी मिर्चा 20 रुपए 50 रुपए

अदरक 40 रुपए 120 रुपए

गोभी 10 रुपए 40 रुपए

परवल 15 रुपए 50 रुपए

भिण्डी 10 रुपए 30 रुपए

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