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खतरे के निशान से नीचे बह रहीं गंगा-यमुना, बाढ़ कक्ष से रखी जा रही लगातार निगाह

दोआबा में बहने वाली गंगा व यमुना नदी फिलहाल खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही है। हालांकि बीते वर्ष यमुना में आई बाढ़ के मद्देनजर बाढ कक्ष की स्थापना कर दी गई है। जहां ड्यूटी पर मौजूद विभिन्न विभाग...

खतरे के निशान से नीचे बह रहीं गंगा-यमुना, बाढ़ कक्ष से रखी जा रही लगातार निगाह
हिन्दुस्तान टीम,फतेहपुरThu, 02 Jul 2020 04:07 PM
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दोआबा में बहने वाली गंगा व यमुना नदी फिलहाल खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही है। हालांकि बीते वर्ष यमुना में आई बाढ़ के मद्देनजर बाढ कक्ष की स्थापना कर दी गई है। जहां ड्यूटी पर मौजूद विभिन्न विभाग के कर्मी लगातार दोनो नदियों के बहाव पर निगाह रखे हुए है। जानकारों का कहना है कि जब तक उत्तराखण्ड स्थित बांध से पानी नहीं छोड़ा जाएगा तब तक गंगा में पानी बढ़ने की संभावनाएं कम है। जबकि यमुना में गंगा की अपेक्षा पानी बढ़ने की संभावनाएं अधिक रहती है।

यमुना की अपेक्षा गंगा का है चौड़ा क्षेत्रफल

बताते है कि दो-आबा में यमुना नदी की अपेक्षा गंगा का जलस्तर अधिक तेजी ने नहीं बढ़ता, जानकारों का कहना है कि गंगा नदी का जिले में चौंड़ा क्षेत्रफल है जहां से पानी बहाव के साथ आगे निकल जाता है। जबकि यमुना नदी के बहाव का क्षेत्रफल कम होने के कारण गंगा की अपेक्षा यमुना अधिक तेजी से उफनाने लगती है, जिससे इस नदी में पानी बढ़ते ही बाढ़ जैसे हालात बन जाते है।

टिहरी बांध से पानी छोड़ने पर बढ़ता है जलस्तर

उत्तराखण्ड के टिहरी बांध में पानी अधिक होने के बाद वहां से पानी छोड़ा जाता है जिसके बाद यहां का जलस्तर बढ़ने लगता है। बताते है कि इस बांध में पानी को रोका जाता है जिसे पानी की अधिकता होने के बाद नदियों में छोड़ दिया जाता है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड की झमाझम बारिश के बाद बांध का पानी छोड़ दिया जाता है तब कहीं जाकर गंगा व यमुना के जलस्तर पर प्रभाव पड़ता है।

पानी छोड़ने के साथ कर दिया जाता है अलर्ट

जानकारों की मानें तो जिले से करीब दो सौ किलोमीटर दूर होने वाली बारिश के बाद जलस्तर बढ़ना शुरू होता है जबकि यहां की बारिश से आगे की नदियों का जलस्तर बढ़ता है न कि जिले का। बताते है कि प्रयागराज के आगे दोनो नदियों के मिलने के कारण जिले की अपेक्षा वहां पहले बाढ़ आने की संभावनाएं बन जाती है। इसके साथ ही पानी छोड़े जाने या तेज बारिश होने के साथ ही अलर्ट घोषित कर दिया जाता है।

दोनो नदियों के गेज पर एक नजर

97.900 मीटर पर गुरुवार की सुबह बही गंगा नदी

84.590 मीटर पर रहा यमुना नदी का बहाव

100.860 मीटर है गंगा नदी के खतरे का निशान

100.000 मीटर है यमुना नदी के खतरे का निशान

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