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नीतियों और मंदी के फेर में फंसी गल्ला मण्डी

सूबे की दूसरी सबसे अधिक टैक्स देने वाली गल्ला मण्डी सरकार की नीतियों और मंदी की मार के फेर में फंस गई है।यहां बाहरी व्यापारियो की संख्या घट गई है। स्थानीय व्यापारियों व किसानों को भी नुकसान उठाना...

नीतियों और मंदी के फेर में फंसी गल्ला मण्डी
हिन्दुस्तान टीम,फतेहपुरTue, 22 Sep 2020 03:13 PM
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सूबे की दूसरी सबसे अधिक टैक्स देने वाली गल्ला मण्डी सरकार की नीतियों और मंदी की मार के फेर में फंस गई है।यहां बाहरी व्यापारियो की संख्या घट गई है। स्थानीय व्यापारियों व किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालात यह है कि हालात नहीं सुधरे तो मंडी अपनी पहचान खो देगा।

वर्ष 2009-10 से लेकर वर्ष 2019 तक बिन्दकी की गल्ला मण्डी लगातार उछाल में रही है लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण की चोट के साथ सरकार की नीतियो के बदलाव का असर बिन्दकी मण्डी पर भी पड़ा है। किसानो ने जैसे तैसे फसल तैयार की तो मंदी के इस दौर में किसानो को भी माथा पकड़ने पर मजबूर कर दिया। बिन्दकी मण्डी में गांव स्तर पर लगने वाली सभी छोटी छोटी मण्डियो से गेहूं, धान, सरसो, मूंग, उड़द बिकने के लिए आता है। वही पड़ोसी जिले की मण्डी कौशाम्बी, रायबरेली, सजेती, घाटमपुर, बांदा व हमीरपुर से भी गेहूं व चना बिक्री के लिए यहां आता है लेकिन मौजूदा समय पर मण्डी की स्थिति बहुत ही दयनीय है। गल्ला व्यापारियों ने किसानो का गेहूँ 1900 से लेकर 2000 रूपए प्रति कुंतल तक खरीद कर जमा किया था। आज वही व्यापारियो का गेहूं पन्द्रह सौ से लेकर सोलह सौ रूपए में बिक रहा है। जिससे व्यापारियो की कमर भी टूट चुकी है। मण्डी सचिव उमेश अवस्थी का कहना है कि जो भी शासन के निर्देश है उनका हर हाल में पालन कराया जा रहा है। व्यापारियो को सरकार की नीतियो के तहत ही व्यापार करना होगा। यदि उसमें कोई हीलाहवाली हुई तो व्यापारियो के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।

महंगा खरीदा गेहूं औने पौने दाम पर पड़ रहा बेंचना

बिन्दकी गल्ला मण्डी में स्थित पूजा ट्रेडिंग कम्पनी के संचालक उमाशंकर ने बताया कि व्यापारी किसानों का महंगे दाम पर खरीदा गया गेहूं आज मंदी होने के कारण औने पौने दाम पर बेंचने के कारण टूट चुका है। वहीं केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा व्यापारियो से मण्डी खाली कराने से भी व्यापारियो का व्यापार अब पूरी तरह चौपट होने की स्थिति पर है। अब ऐसी स्थिति में व्यापारी व्यापार करने के लायक नही बचा है।

सरकार की नीतियो का शिकार हो रहे व्यापारी

नवीन ट्रेडिंग कम्पनी के संचालक गल्ला व्यापारी नवीन गुप्ता ने कहा कि सरकार की बदली नीतिया व्यापारी हितो में होने के बजाय व्यापारियो को शिकार बनाया जा रहा है। मण्डी के अंदर व्यापार करने पर ढ़ाई प्रतिशत टैक्स देना होगा। वहीं व्यापारी अगर मण्डी से बाहर व्यापार करता है तो उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा। जब लोगों को बाहर से ही व्यापार करने को मिलेगा तो कोई भी किसान मण्डी के अंदर क्यो आएगा? ऐसी स्थिति में मण्डी में बैठने वाले व्यापारियों का व्यापार निश्चित रूप से समाप्त हो जाएगा।

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