जिला अस्पताल: सोशल डिस्टेंस में धूप बनी बाधा
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिले में लॉकडाउन किया जा चुका है। साथ ही लोगों को सामाजिक दूरी का पालन कराने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन जिला अस्पताल में सामाजिक दूरी नियमों की धज्जियां उड़ रहीं हैं। यह...

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिले में लॉकडाउन किया जा चुका है। साथ ही लोगों को सामाजिक दूरी का पालन कराने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन जिला अस्पताल में सामाजिक दूरी नियमों की धज्जियां उड़ रहीं हैं। यह धज्जियां तब तक नहीं उड़ती जब तक पुलिस आसपास नही होती लेकिन पुलिस के जाते ही लोग एक-दूसरे से सटकर खड़े नजर आते हैं।
जिला अस्पताल में एक सप्ताह से सैकड़ों की संख्या में लौटे श्रमिकों व अन्य लोगों की जांच कराई जा रही है। ओपीडी सेवा बंद होने से श्रमिकों की जांच व अन्य मरीजों का उपचार इमरजेंसी वार्ड और फीवर हेल्प डेस्क में किया जा रहा है। जांच के लिए लोग सुबह से ही जिला अस्पताल में लंबी कतारों में लग जाते हैं। इस दौरान सामाजिक दूरी नियम के पालन के लिए बनाए गए गोले में खड़े होने के बजाय लोग एक दूसरे से सटकर खड़े हो रहे हैं। जांच करा रहे मरीजों का कहना है कि लंबी लाइन में खड़े होने के दौरान तीखी धूप से उनका बुरा हाल हो रहा है। जिससे वह छाया की तलाश करने को मजबूर हैं।
अपनों को ही बेगाने लगने लगे
महानगरों से आए श्रमिकों के गांव में आने के बाद ग्रामीण सहमे हुए हैं। जिससे ग्रामीण बाहर से आए पड़ोसियों से बात करने और उनके पास जाने से कतरा रहे है। रात-दिन साथ रहने वाले, खेलने-पढ़ने और घूमने वाले पड़ोसी ही महानगरों से लौटने के बाद अब बेगाने लगने हैं। कारण, उन्हें उनसे दुश्मनी नहीं कोरोना का डर सता रहा है। इतना ही नहीं गांव से अपना चेकअप कराने के लिए ऐसे लोगों को शहर तक अकेले ही आना पड़ रहा है। जिला अस्पताल पहुंचे आबू नगर के एक युवक ने बताया कि पड़ोसी और मित्र तो दूर रिश्तेदारों से भी लोगों ने सलाम-दुआ करना बंद कर दिया है। हालात यह है कि कोरोना वायरस ने अब अपनों से अपनों को ही दूर कर दिया है।
