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परम्परा में खलल,सिर्फ संकट मोचन का होगा श्रंगार

76 वर्षों से चली आ रही परम्परा में कोरोना वायरस खलल बन कर सामने आया है। ऐतिहासिक आयोजन में इस बार रासलीला, साज सज्जा, रामलीला मैदान प्रवेश के पांच द्वार के अलावा विशालकाय रावण का पुतला दहन नहीं हो...

परम्परा में खलल,सिर्फ संकट मोचन का होगा श्रंगार
हिन्दुस्तान टीम,फतेहपुरThu, 22 Oct 2020 11:22 PM
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76 वर्षों से चली आ रही परम्परा में कोरोना वायरस खलल बन कर सामने आया है। ऐतिहासिक आयोजन में इस बार रासलीला, साज सज्जा, रामलीला मैदान प्रवेश के पांच द्वार के अलावा विशालकाय रावण का पुतला दहन नहीं हो सकेगा। रामलीला मैदान में स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर का श्रंगार किया जाएगा। यहां भक्तों को ममॉस्क, सेनेटाइजर व एक मीटर दूरी बनाए रखने जैसे नियमों का पालन करना होगा।

गुरूवार को एस़डीएम आशीष कुमार व सीओ योगेन्द्र सिंह मलिक श्रीरामलीला मेला कमेटी के पदाधिकारियों के साथ रामलीला मेला महोत्सव मैदान का निरीक्षण किया। उन्होंने दुकानदारों को जल्द मेला मैदान पूरी तरह खाली करने के निर्देश दिए। जिससे आगामी 24, 25 व 26 अक्टूबर को मेला मैदान में भीड़ ना जमा हो पाए, श्रद्धालु सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सके और मेला एहतियातन के साथ सम्पन्न हो सके। एसडीएम ने मेला कमेटी अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता उर्फ बाबा व पूर्व अध्यक्ष गोपाल जी गुप्ता को शासन से जारी गाइडलाइन के अनुसार मेला कराए जाने के निर्देश दिए। सीओ ने कहा कि इस बीच यदि मेला मैदान के किसी भी स्थान पर भीड़ एकत्र पाई जाती है तो आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

भगवानों की रथयात्रा पर भी प्रतिबंध

प्रतिवर्षो की भांति ऐतिहासिक रामलीला मेला महोत्सव में गांव ही नहीं बल्कि दूर दराज के लोग रथयात्रा व प्रसिद्ध भरत मिलाप का मंचन देखने भारी संख्या में लोग पहुंचते थे लेकिन इस वर्ष रामलीला आयोजन पर कोरोना का ग्रहण लग गया है। जिससे इस बार रावण वध के बाद रावण दहन नहीं होगा और नगर की प्रमुख गलियों से घूमकर मेला मैदान पहुंचने वाली रथयात्रा पर भी प्रतिबंध लग गया है। जिससे दशहरा महोत्सव अधूरा प्रतीत होगा।

अध्यक्ष बोले,गाइडलाइन का करेंगे पालन

मेला कमेटी अध्यक्ष सुनील गुप्ता उर्फ बाबा ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार ही मेला महोत्सव का आयोजन कराया जाएगा। हनुमार मंदिर का श्रंगार होगा और दर्शन हेतु मॉस्क, सेनेटाइजर व एक मीटर दूरी का पालन आवश्यक होगा। जिसके तहत कमेटी ने रूपरेखा तैयार कर ली है। इस दौरान मेला मैदान में दुकाने नही लगाई जाएंगी। नियमों का उल्लंघन किसी भी दशा में नहीं होने दिया जाएगा।

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