गर्मी बढ़ते ही मरम्मत को निकलने लगे कूलर
मार्च माह खत्म हो चुका है, होली के बाद गर्मी ने धीरे-धीरे अपना असर दिखाना शुरू कर दिया तो मार्च खत्म होते-होते तापमान काफी बढ़ गया है। तापमान बढ़ते ही लोगों ने शीतलता पाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।...
मार्च माह खत्म हो चुका है, होली के बाद गर्मी ने धीरे-धीरे अपना असर दिखाना शुरू कर दिया तो मार्च खत्म होते-होते तापमान काफी बढ़ गया है। तापमान बढ़ते ही लोगों ने शीतलता पाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। लोगों ने कूलर निकालकर उनकी साफ-सफाई व रंगाई पुताई शुरू कर दी है। कूलर में नई घास भरवाने के लिए भी लोग बाजार पहुंच रहे हैं।
सूर्य भगवान के तेवर रोज का रोज बढ़ते ही जा रहे हैं। गर्मी ने अपना असर भी दिखाना शुरू कर दिया है। जिससे लोगों के पसीने छूटने लगे हैं। होली से पूर्व तापमान में काफी हद तक नमी थी लेकिन जैसे-जैसे माह के अन्तिम दिन आए तो गर्मी ने अपना रूतबा दिखाना शुरू कर दिया। मार्च माह खत्म हो चुका है और गर्मी ने भी अपनी रफ्तार पकड़ ली है। लोगों के जहां पसीने छूटने लगे हैं तो लोगों को ने शीतलता पाने के भी प्रयास शुरू कर दिए हैं। कुछ माह से घरों में बंद पड़े कूलर लोगों ने बाहर निकाल लिए और उनकी साफ-सफाई शुरू कर दी। खराब हो चुके कूलरों की मरम्मतीकरण के लिए उन्हें बाजार पहुंचा रहे हैं। उधर बाजार में भी कूलर ठीक करने वाले दुकानदारों की बाढ़ सी आ गई है। जगह-जगह कूलर रिपेयरिंग, घास-खस भराई का काम शुरू हो चुका है। शहर के पत्थरकटा, वर्मा तिराहा, कलक्टरगंज, हरिहरगंज में इस समय सैकड़ों की तादात में दुकानें खुल चुकी हैं, जहां यह काम बड़ी तेजी से हो रहा है। हरिहरगंज में कूलरों में घास और खस भरने वाले दुकानदार हरिओम ने बताया कि रोजाना दर्जन भर से अधिक कूलर रिपेयरिंग व घास भराई के लिए आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिकूलर एक हजार से लेकर डेढ़ हजार रूपए तक का खर्चा आ रहा है।