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सर्दी से निमोनिया की चपेट में आ रहे बच्चे

जिला अस्पताल में निमोनिया से ग्रसित बच्चों के बेहतर इलाज की व्यवस्था है। सांस की यह बीमारी बच्चों में सर्दी जुकाम का संक्रमण फेफडों में पहुंच जाने से होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट 2014 के...

सर्दी से निमोनिया की चपेट में आ रहे बच्चे
हिन्दुस्तान टीम,फतेहपुरSun, 05 Jan 2020 11:42 PM
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जिला अस्पताल में निमोनिया से ग्रसित बच्चों के बेहतर इलाज की व्यवस्था है। सांस की यह बीमारी बच्चों में सर्दी जुकाम का संक्रमण फेफडों में पहुंच जाने से होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट 2014 के अनुसार पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में 17 फीसदी मृत्यु निमोनिया के कारण होती है।

जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मूलचंद्र ने बताया कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में तेज सांस चलना निमोनिया का शुरुआती लक्षण है। ऐसे बच्चे देखने में सामान्य बच्चों की तरह ही दिखते हैं लेकिन तत्काल इलाज न मिलने की दशा में इनकी स्थिति गंभीर हो जाती है। बीमारी की गंभीर अवस्था में शिशु स्तनपान करना छोड देते हैं या कुछ भी खाने पीने में असमर्थ हो जाते है। सांसों में घरघराहट की आवाज या फिर बीमारी अधिक गंभीर होने पर बच्चा सुस्त या बेहोश हो सकता है। जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में निमोनिया से पीड़ति बच्चों की संख्या बढ़ रही है। बताया कि बच्चों को जल्दी जल्दी सांस लेने पर तुरंत डाक्टर की सलाह लेकर निमोनिया से बचा जा सकता है। चिल्ड्रेन वार्ड में दिसंबर माह से अब तक 34 बच्चे भर्ती हो चुके हैं। शिशु वार्ड में भर्ती ढाई माह के दीपू के पिता प्रदीप कुमार ने बच्चे को दो दिन से सांस लेने में दिक्कत थी पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गए वहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया अब बच्चे की सेहत में सुधार है।

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