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सीट आरक्षित होने से सियासतदारों के बीच मची खलबली

नगर पालिका परिषद बिंदकी का आजादी के बाद यह पहला मौका है कि अध्यक्ष पद की सीट एससी (अनुसूचित जाति) के लिए आरक्षित हुई है। अब तक नगर निकाय की राजनीति की बागडोर सामान्य व पिछड़े वर्ग के हाथों में रही...

सीट आरक्षित होने से सियासतदारों के बीच मची खलबली
हिन्दुस्तान टीम,फतेहपुरSat, 14 Oct 2017 11:30 PM
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नगर पालिका परिषद बिंदकी का आजादी के बाद यह पहला मौका है कि अध्यक्ष पद की सीट एससी (अनुसूचित जाति) के लिए आरक्षित हुई है। अब तक नगर निकाय की राजनीति की बागडोर सामान्य व पिछड़े वर्ग के हाथों में रही है। सीट परिवर्तन से नगर की सियासत के खिलाडि़यों के बीच खलबली मची हुई है हालांकि नगर निकाय के खिलाड़ियों ने सीट परिवर्तन के लिए लखनऊ में डेरा डाल रखा है।

नगर पालिका अध्यक्ष पद की सीट एससी (अनुसूचित जाति) के लिए आरक्षित होने से नगर निकाय राजनीति के पिछड़ी और सामान्य जाति के खिलाड़ियों में मायूसी छा गई है। इन खिलाड़ियों ने वर्षों पूर्व से जनता के बीच पैठ बनाने में लाखों रुपए पानी की तरह खर्च कर डाले हैं। अचानक आरक्षित सीट होने से इनके चेहरों पर हवाइयां उड़ गईं हालांकि नगर की राजनीति के इन धुरंधर खिलाडि़यों ने अभी भी हार नहीं मानी है। सीट के आरक्षित होने बाद से ही यह लोग लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं। इन्हें पूरा अनुमान था कि सीट या तो पिछड़ा पुरुष या फिर सामान्य होगी क्योंकि नगर की राजनीति आजादी के बाद से अब तक सामान्य और पिछड़ा वर्ग के बीच में ही घूमती रही है। इन खिलाडि़यों को यह बिल्कुल अनुमान नहीं था कि आरक्षण नगर की राजनीति का मुखड़ा ही बदल देगा। इन सियासत के खिलाड़ियों के सामने दूसरी सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि इस सीट पर अपने किस चहेते को बिठाएंगे।

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