एनएससी व पीपीएफ रसीद की रस्साकसी में उलझा एरियर
तमाम कवायदों के बावजूद अब तक परिषदीय शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का वेतन बकाया नहीं मिल पाया है। जहां पांच ब्लॉकों के शिक्षकों को एक भी किश्त नहीं मिली तो वहीं 13 ब्लॉकों के शिक्षकांे को दूसरी किश्त...
तमाम कवायदों के बावजूद अब तक परिषदीय शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का वेतन बकाया नहीं मिल पाया है। जहां पांच ब्लॉकों के शिक्षकों को एक भी किश्त नहीं मिली तो वहीं 13 ब्लॉकों के शिक्षकांे को दूसरी किश्त का भुगतान नहीं हो सका है। शिक्षकों द्वारा वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय मंे एनएससी एवं पीपीएफ जैसी बचत योजनाआंे की रसीदें मुहैयां न कराए जाने को इसका कारण बताया जा रहा है। वहीं शिक्षकांे की मांग है कि विभाग स्वयं शिक्षकों की एनएससी बनवा सकता है या फिर उनके पीपीएफ अकाउण्ट मंे अस्सी फीसदी धनराशि ट्रांसफर कर सकता है।
शासन द्वारा बजट मुहैया कराए जाने के बावजूद अब तक शिक्षकों को एरियर नहीं मिल पा रहा है। सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय ने बकाए की पहली किश्त ऐरायां, देवमई, हथगाम, नगर क्षेत्र व बहुआ को छोड़कर अन्य ब्लॉकों को दे दी थी लेकिन दूसरी किश्त का भुगतान भिटौरा को छोड़कर अन्य किसी ब्लॉक को नहीं हो सका है। जीपीएफ खाता धारक एवं नॉन जीपीएफ शिक्षकों को दस फीसदी एडवांस टैक्स काटकर दस फीसदी धनराशि नकद दी जानी है। जबकि शेष अस्सी फीसदी धनराशि जीपीएफ खाता धारकों के खाते मंे ट्रांसफर की जाएगी। असली पेंच 2005 के बाद नौकरी मंे आए नान जीपीएफ खाता धारक शिक्षकों को लेकर है। एओ ने शिक्षकांे से एरियर की अस्सी फीसदी धनराशि का राष्ट्रीय बचत पत्र अथवा पीपीएफ मंे अस्सी फीसदी धनराशि जमा करने की रसीद मांगी है। अब शिक्षक तमाम प्रयासों के बावजूद एरियर एनएससी या पीपीएफ रसीद विभाग को उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। इस कारण एरियर का भुगतान लटक गया है। जबकि सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी ने दावा किया था कि दीपावली के बाद शिक्षकों को सातवे वेतन आयोग का बकाया दे दिया जाएगा। इस स्थिति से शिक्षकों मंे काफी रोष है और वे संघ पर जल्द भुगतान कराने का दबाव बना रहे हैं।