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कोरोना के बाद अब ‘फोबिया से जूझ रहा दोआबा!

फतेहपुर/खागा। संवाददाता कोरोना की दो लहरों का मुकाबला कर चुके लोग अब कई तरह...

कोरोना के बाद अब ‘फोबिया से जूझ रहा दोआबा!
हिन्दुस्तान टीम,फतेहपुरSun, 01 Aug 2021 11:21 PM
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फतेहपुर/खागा। संवाददाता

कोरोना की दो लहरों का मुकाबला कर चुके लोग अब कई तरह के ‘फोबिया से जूझ रहे हैं। इनमें डेथ फोबिया, कोरोना फोबिया, इकोनॉमिक फोबिया और इंटरनेट फोबिया जैसे फोबिया शामिल हैं। हालात यह हैं कि लोग अपनी मौत की प्लानिंग भी कर रहे हैं। मनोरोग चिकित्सकों के पास पहुंच रहे ऐसे केसेज ने नई चिंताएं पैदा कर दी हैं।

कोरोना काल न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी लोगों की परीक्षा ले रहा है। कोरोना से उबर चुके तथा पहली व दूसरी लहर देख चुके तमाम लोगों में भय व तनाव जगह बना रहा है। इस डर व तनाव की वजह कोरोना, कोरोना का टीका, आर्थिक व शारीरिक स्थिति है। मनोचिकित्सक डॉ ललित प्रताप सिंह बताते हैं कि कोविड का सामना कर चुके लोग शारीरिक रूप से कमजोर हो जाते हैं और उनकी रिकवरी में काफी समय लग जाता है। कोविड के चलते लोग अवसाद का शिकार भी हो रहे हैं।

आखिर क्या है फोबिया

मनोचिकित्सक बताते हैं कि फोबिया एक प्रकार का मनोविकार है। जिसमें लोगों को विशेष वस्तु, परिस्थितियों, बीमारियोंव क्रियाओं से डर लगने लगता है। इन कारकों की उपस्थिति से ही व्यक्ति डरने लगता है जबकि वास्तव में यह चीजें इतनी खतरनाक नहीं होती हैं। फोबिया को चिंता की बीमारी भी कहा जाता है। इसके इलाज के लिए मनोवैज्ञानिक थेरेपी व मेडिकेशन्स दोनो जरूरी होते हैं।

कई प्रकार के होते हैं फोबिया

फोबिया कई प्रकार के होते हैं। मुख्य तौर पर इन्हें स्पेस्फिक फोबिया व सोशल फोबिया में विभक्त किया गया है। दोआबा में कोविड के दौर में यह फोबिया देखे जा रहे हैं।

कोरोनाफोबिया- इस फोबिया से ग्रस्त लोगों को कोरोना होने का भय लगातार सताता है। उनके दिमाग में हर समय कोरोना को लेकर तनाव बरकरार रहता है।

डेथफोबिया- इस प्रकार के फोबिया से ग्रस्त लोगों को हर समय मरने का डर रहता है। कोरोना से मौत होने का डर इस समय सिर चढ़कर बोल रहा है।

इकोनॉमिक फोबिया- आर्थिक स्थिति कमजोर होने व रोजगार न होने के कारण दोआबा में यह फोबिया भी सामने आया है।

इंटरनेट फोबिया- कोरोनाकाल में इंटरनेट के अधिक प्रयोग ने लोगों को इस फोबिया की जद में ला दिया है। इंटरनेट एक लत बनकर उभर रही है।

सुसाइड आइडियेशन भी आया सामने

डॉक्टरों के पास कई ऐसे केस भी पहुंचे जिसमें लोग अपने मरने की प्लानिंग करते पाए गए। महिलाओं के साथ बच्चे भी इन मरीजों में शामिल रहे।

इस तरह बचें फोबिया से

-जितना अधिक हो सके खुद को व्यस्त रखें। अकेलापन न हो।

-इंटरनेट व कोविड न्यूज से दूरी बनाने की कोशिश करें। वही न्यूज देखें जो आपको प्रभावित न करे।

-डे प्लान करें। सुबह से शाम तक का रूटीन फालो करें।

-व्यायाम और डाइटिंग प्लान के अनुसार जीवनयापन करें।

-परिवार के सदस्य आपस में एक दूसरे का सहयोग करें।

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