स्टाम्प फीस के बिना लग रहा विकास पर ‘स्टाप
खागा, संवाददाता नगर पंचायत को रजिस्ट्री के दौरान अचल संपत्ति हस्तान्तरण टैक्स के...

खागा, संवाददाता
नगर पंचायत को रजिस्ट्री के दौरान अचल संपत्ति हस्तान्तरण टैक्स के रूप में मिलने वाली धनराशि का भुगतान न होने के कारण नगर के विकास पर ब्रेक लग रहा है। पंचायत की उम्मीदों के विपरीत स्टांप शुल्क में दो प्रतिशत टैक्स की कटौती से मिलने वाली राशि का भुगतान लंबे समय से अनियमित और बकाया है। निकाय बोर्ड इस धनराशि का प्रयोग क्षेत्र के विकास कार्यों में करता है।
कई वर्षों से नगर की सीमा के अन्तर्गत आने वाली अचल सम्पत्तियों की रजिस्ट्री के दौरान कुल स्टांप शुल्क का दो प्रतिशत नगर पंचायत को प्राप्त होता है। तहसील स्थित निबंधन कार्यालय इस दो प्रतिशत कटौती का लेखा जोखा अपने पास रखने के साथ ही सहायक आयुक्त स्टांप को भी भेजता है। शुरूआती वर्षों में तो नगर पंचायत को यह राशि नियमित तौर पर मिलती रही लेकिन सितम्बर 2012 से कटौती से मिलने वाली राशि का भुगतान अनियमित हो गया। अब हालात यह है कि वर्तमान बोर्ड के कार्यकाल में अब तक एक बार भी यह शुल्क नहीं मिला है।
शासन से रिलीज होता है फंड
नगर पंचायत को स्टांप शुल्क में दो प्रतिशत कटौती के फलस्वरूप मिलने वाली धनराशि कई स्तरों से गुजर कर प्राप्त होती है। उपनिबंधन कार्यालय कटौती का ब्यौरा सहायक आयुक्त स्टांप को भेजता है। इसके बाद लेखा जोखा स्टांप आयुक्त के पास जाता है। वहां से स्थानीय निकाय निदेशक की चौखट पर पहुंचकर शासन के वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा जाता है। वित्त विभाग के अनुमोदन के बाद निदेशक स्थानीय निकाय द्वारा यह धनराशि नगर पंचायत के पक्ष में रिलीज की जाती है।
नगर पंचायत अध्यक्ष गीता सिंह ने बताया कि स्टांप शुल्क में दो प्रतिशत की कटौती से मिलने वाली राशि का काफी बड़ा हिस्सा भुगतान के लिए लंबित है। इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही शेष धनराशि का भुगतान हो जाएगा। जिससे नगर के विकास कार्यों को और तेज गति से कराया जा सके।
