चाहें कुछ भी हो जाए अब हम न जहिवे परदेस
महाराष्ट्र में लॉकडाउन के बीच फंसे बीस जिले के प्रवासी जब सोमवार की सुबह स्पेशल ट्रेन से फर्रुखाबाद जंक्शन पर उतरे तो उनके चेहरे खिल उठे। सफर की जो थकान थी वह भी घर जाने को लेकर दूर हो गई। सिर पर...
महाराष्ट्र में लॉकडाउन के बीच फंसे बीस जिले के प्रवासी जब सोमवार की सुबह स्पेशल ट्रेन से फर्रुखाबाद जंक्शन पर उतरे तो उनके चेहरे खिल उठे। सफर की जो थकान थी वह भी घर जाने को लेकर दूर हो गई। सिर पर सामान की गठरी, थके कदमों के बीच बच्चों का हाथ पकड़कर निकलते प्रवासियों की दिक्कतें साफ झलक रहीं थीं। बोले अब चाहें कुछ भी जो जाए पर हम न जहिवे परदेस।
महाराष्ट्र के नाडियाड से प्रवासियों को लेकर स्पेशल ट्रेन फर्रुखाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 5 पर सुबह 9.17 बजे पहुंची। ट्रेन अपने निर्धारित समय से तीन मिनट पहले ही यहां आ गई। हालांकि इससे पहले यहां पर आरपीएफ, जीआरपी और सिविल पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर ली थी। ट्रेन जब आकर रुकी तो सोशल डिस्टेंसिंग के बीच प्रवासियों को बोगियों से बाहर निकाला गया। 731 प्रवासी फर्रुखाबाद जंक्शन पर उतरे। इसमें फर्रुखाबाद जिले के 288 प्रवासी थे। इसके अलावा 20 जिले के अन्य जो प्रवासी थे उनको बसों के माध्यम से उनके ठिकानों तक भिजवाया गया। डीएम मानवेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ.अनिल कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी विवेक श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह के अलावा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी यहां मौजूद रहे। आरपीएफ के इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार और जीआरपी के थानाध्यक्ष भी यहां फोर्स के साथ रहे। बाहर की ओर शहर कोतवाल ने व्यवस्था संभाली। प्रवासियों को उनके जिले के हिसाब से खड़ी बसों में बैठाकर रवाना किया गया।
मिर्जापुर निवासी विजय ने बताया कि वहां बड़ी दिक्कतें हो रही थीं। काम बंद हो गया था। घर न आते तो भूखे मर जाते। प्रेमनगर निवासी कमला ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ अब घर आ गए हैं। दहेलिया निवासी पप्पू कोरी ने बताया कि शुरुआत में तो उनकी मालिक ने मदद की लेकिन बाद में आना ही छोड़ दिया। ऐसे में अब घर आ गए हैं। घर की ही दाल रोटी खाएंगे। परदेस कमाने कभी नहंी जाएंगे। एआरएम अंकुर विकास ने बताया कि 731 प्रवासी जो स्पेशल ट्रेन से आए हैं उनको बसों के माध्यम से भिजवाया गया है। प्रवासियों को ले जाने के लिए 30 बसें लगाई गईं थीं। वहीं दूसरी ओर बताया गया है कि स्पेशल ट्रेन में 1445 प्रवासी सवार थे जिसमें कासगंज स्टेशन पर 740 से अधिक प्रवासी उतारे गए। जिसमें कई को अलीगढ़ व आस पास क्षेत्रों में जाना था।
