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सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट

जिले की सब्जियां निपटने का असर अब साफ दिखने लगा है। इसकी मार आम इंसान पर पड़ने लगी है। ट्रांसपोर्ट भाड़ा और सिंचाई के दाम बढ़ने से सब्जियों के दामों में जबतदस्त उछाल आया है। लाक डाउन में जो सब्जियां...

सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजSat, 04 Jul 2020 03:33 PM
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जिले की सब्जियां निपटने का असर अब साफ दिखने लगा है। इसकी मार आम इंसान पर पड़ने लगी है। ट्रांसपोर्ट भाड़ा और सिंचाई के दाम बढ़ने से सब्जियों के दामों में जबतदस्त उछाल आया है। लाक डाउन में जो सब्जियां माटी मोल बिक रहीं थीं, डीजल के दाम बढ़ते ही वह आसमान छूने लगी हैं। थोक मंडियों में जहां सब्जियों के दाम 20 प्रतिशत तक बढ़े है तो वही फुटकर भाव में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई है। डीजल के दाम बढ़ने का असर सब्जियों पर भी पड़ने लगा हैं। ट्रांसपोर्ट भाड़ा और सिंचाई महंगी होनें से सब्जियां झुलसने लगी हैं। महंगी हुई सब्जियों से रसोई का भी बजट बिगाड़ने लगा हैं। पहले ही लाक डाउन के चलते लोगों के काम धंधे नहीं चल रहे हैं ऊपर से बढ़े सब्जियों के दाम लोगों को खटकने लगे हैं। थोक मंडियों में सबसे ज्यादा टमाटर के दाम में उछाल आया है। जो टमाटर पिछले दो हफ्ते पहले 5 से 10 रुपए किलो बिक रहा था वही टमाटर 50 से 60 रुपए किलो तक पहुंच गया है। फुटकर भाव में टमाटर 80 से 90 रुपए किलो बिक रहा है। इसके साथ ही शिमला मिर्च और आलू ने भी बागी तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। आढतियों और व्यापारियों की मानें तो आने बाले समय में सब्जियों के दाम और बढ़ने का अनुमान है। बताया कि सब्जियों के दाम बढ़ने का कारण डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी है।

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