लोको दरगाह का उर्स होगा ऑनलाइन
जिले की ऐतिहासिक लोको दरगाह के उर्स में पहली बार जायरीन शिरकत नहीं कर सकेंगे। करोना काल को देखते हुए दरगाह कमेटी ने आनलाइन उर्स कराने का फैसला लिया है। जायरीन फेसबुक लाइन पर दरगाह की जियारत कर...
जिले की ऐतिहासिक लोको दरगाह के उर्स में पहली बार जायरीन शिरकत नहीं कर सकेंगे। करोना काल को देखते हुए दरगाह कमेटी ने आनलाइन उर्स कराने का फैसला लिया है। जायरीन फेसबुक लाइन पर दरगाह की जियारत कर करेंगे। कोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए जिले में सभी कार्यक्रम सीमित हो गए हैं।
लाकडाउन खत्म होने के बाद अब धीरे-धीरे गाइड लाइन का पालन करते हुए सामाजिक धार्मिक व राजनीतिक कार्यक्रमों का संचालन होने लगा है। इसी को देखते हुए फतेहगढ़ लोको रोड स्थित दरगाह हजरत शहाबुद्दीन औलिया के 260 वें उर्स की भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। दरगाह का उर्स अक्टूबर माह की 14, 15 व 16 तारीख को मनाया जाएगा। दरगाह कमेटी ने बताया कि इस बार कोरोना काल को देखते हुए उर्स आनलाइन मनाया जाएगा। दरगाह पर भीड़ न जुटे इसलिए उर्स में बहरूनी और मुकामी जायरीन शामिल नहीं होंगे। उर्स का किसी को भी निमंत्रण नहीं दिया जाएगा। वकिंर्ग कमेटी के लोग ही दरगाह पहुंचकर उर्स की रस्म अदायगी करेंगे। दरगाह के अकीदतमंदों की सहूलियत के लिए दरगाह में प्रोजेक्टर लगाया जाएगा जिसके माध्यम से सभी कार्यक्रम आनलाइन रहेंगे। दरगाह में जायरीनों की पाबंदी रहेगी, घर बैठकर जायरीन उर्स में आनलाइन शामिल हो सकेंगे। साथ ही दरगाह की जियारत भी कर सकेंगे। दरगाह के नायाब सज्जादा नशीन शाह मुहम्मद वसीम ने बताया कि 260 वां उर्स अक्टूबर माह की 14,15 और 16 तारीख को होगा। कोरोना काल को देखते हुए उर्स को आनलाइन कराने का फैसला लिया गया है। इस बार उर्स पर किसी को दावतनामा नहीं दिया जाएगा। जिले से लेकर अन्य शहरों के जायरीनों पर दरगाह आने पर रोक रहेगी। कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद उदरगाह का उर्स फिर पहले जैसा होगा।