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तराई इलाकों पर खतरा, गंगा का जलस्तर और बढ़ा

फर्रुखाबाद। संवाददाता पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश का असर नदियों के जलस्तर पर...

तराई इलाकों पर खतरा, गंगा का जलस्तर और बढ़ा
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजSun, 25 Jul 2021 11:31 PM
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फर्रुखाबाद। संवाददाता

पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश का असर नदियों के जलस्तर पर पड़ रहा है। रविवार की शाम गंगा नदी का जलस्तर 5 सेंटीमीटर और बढ़ गया। जलस्तर चेतावनी बिंदु से दस सेंटीमीटर ऊपर चल रहा है। वहीं रामगंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी होने से खतरा अधिक बढ़ रहा है। गंगापार, कंपिल और शमसाबाद के तराई में पानी का दबाव बढ़ने से लोगों में हाहाकार मच गया है।

कई गांव की ओर पानी का रुख तेजी के साथ हो रहा है। इससे गांव के लोग पलायन की भी तैयारी कर रहे हैं। अपने जिले में भले ही मानसून सक्रिय होने के बाद फिर निष्क्रिय हो गया है। मगर पहाड़ों पर बारिश का दौर जारी है। इसी का असर है कि तराई क्षेत्र के लोगों को संकट की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। शाम को गंगानदी का जलस्तर 136.70 पर दर्ज किया गया जो कि चेतावनी बिंदु से दस सेंटीमीटर ऊपर है। रामगंगा नदी का जलस्तर 135.65 मीटर पर आ गया है। नरौरा बांध से 59871, हरिद्वार से 84187, बिजनौर से 61234 क्यूसेक पानी पास किया गया है। हरेली, खो और रामनगर बैराज से 3475 क्यूसेक पानी भेजा गया है। यह पानी नदियों में 15 घंटे के भीतर आने की संभावना है। इससे नदी का जलस्तर और भी बढ़ सकता है। तराई इलाकों मेंे लोग बेहद दहशत में आ गए हैं। कंपिल क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव में लोगों की नींद उड़ी है। शमसाबाद में ढाईघाट के किनारे कई गांव में पानी का दबाव तेजी के साथ बढ़ रहा है। पानी के बढ़ते दबाव के चलते कई संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। कई संपर्क मार्ग को पानी पार कर गया है। गांव के लोग इस कदर भयभीत हैं कि रात रात भर जागकर निगरानी कर रहे हैं। अमृतपुर के पूर्वी और पश्चिमी इलाके में गंगा और रामगंगा की नदियों से बढ़ते खतरे को देखते हुए लोग बचाव की तैयारी कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रियता नहीं की जा रही है जिससे लोग खासे नाराज हैं।

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