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जिले में अब नहीं रहेगी दूध की कमीं

पांच साल में बढ़ीं 1.53 लाख भैंस व 2.5 हजार गाय

जिले में अब नहीं रहेगी दूध की कमीं
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजMon, 10 Feb 2020 11:02 PM
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पिछले पांच वर्षों में पशुपालन की ओर लोग आकर्षित हुए हैं। डेयरी और दूध से होने वाले फायदे को देखते हुए ही पांच सालों में एक ओर जहां भैंस की संख्या में इजाफा हुआ है तो वहीं गाय की संख्या भी बढ़ी है। इसके विपरीत बकरी और सुअर की संख्या में कमी आई है। इससे अब साफ है कि जिले में दूध की कमी नहीं होगी। हर पांच साल में पशु गणना कराई जाती है। पशु गणना की जो रिपोर्ट आई है उससे साफ लग रहा है कि लोग गाय और भैंस पालन की ओर प्रेरित हुए हैं। जबकि बकरी और भेंड़ पालन से लोगों का मोह भंग हुआ है। भैंस पालन के पीछे पिछली सरकार की माइक्रो कामधेनु और कामधेनु योजना ने भी बेहतरीन काम किया है। यहां पर गैर प्रदेशों से बड़ी संख्या में दूध कारोबार के इरादे से लोग भैंस लेकर आए हैं। इससे भी भैंस की संख्या में यहां पर निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। पांच साल के भीतर भैंस की संख्या में आशातीत बढ़ोत्तरी हुई है। 19वीं गणना में जहां जिले में 2 लाख 90 हजार 853 भैंस पाई गई थीं तो वहीं 20वीं पशुगणना में 4 लाख 43 हजार 701 भैंस की गणना कराई गई है। जबकि 19वीं गणना में 1 लाख 12 हजार 816 गाय थीं। 20वीं गणना में 1 लाख 14 हजार 665 गौवंश पाए गए हैं। भेड़ों की संख्या में पांच साल के भीतर काफी गिरावट आई है। पिछली गणना में जहां 13475 भेड़ें जिले भर में थीं तो वहीं 20वीं गणना में 7880 भेड़ों की गणना हुई है। इसी तरह से बकरियों की संख्या में भी काफी गिरावट आई है। इस बार गणना में 1 लाख 19 हजार 358 ही बकरियां पाई गई हैं तो वहीं इससे पहले 1 लाख 47 हजार 48 यह संख्या थी। वहीं सुअर पालन को लेकर भी लोग पीछे हुए हैं। 19वीं गणना में 10 हजार 743 सुअरों की संख्या थी तो वहीं इस बार यह संख्या घटकर 3050 ही रह गई है। मुख्य पशु चिकत्सिाधिकारी डॉ.राजकिशोर के मुताबिक 20वीं पशु गणना में पांच प्रकार के पशुओं की ही गणना प्राप्त हुई है। इसमें भैंस और गाय की संख्या मेंे बढ़ोत्तरी हुई है तो वहीं भेंड़ पालन के प्रति लोग कम जागृत हुए हैं।

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