गंगा नदी में डूबे दो भाइयों का तीसरे दिन भी नहीं लगा सुराग
हंसी नगला गांव के गंगानदी में डूबे दो भाइयों का तीसरे दिन भी कोई सुराग नहीं लगा। दोनों भाइयों का पता लगाने के लिए दस किलोमीटर तक गंगा की धार में मोटर वोट दौड़ाए गए। प्रशासन का सहयोग न मिलने से ग्रामीण...
हंसी नगला गांव के गंगानदी में डूबे दो भाइयों का तीसरे दिन भी कोई सुराग नहीं लगा। दोनों भाइयों का पता लगाने के लिए दस किलोमीटर तक गंगा की धार में मोटर वोट दौड़ाए गए। प्रशासन का सहयोग न मिलने से ग्रामीण गुस्से में हैं। खुद मोटरवोट में तेल भी डलवाना पड़ रहा है।
गंगा नदी में नाव के पलटने से विजेंद्र और उसका भाई हरिनंदन गहरे पानी में बह गए थे। जिनकी तलाश में परिवार के लोग घाट किनारे ही डटे हुए हैं। चाचा रामनिवास, रामकरन, चचेरे भाई संदीप, राजीव व परिवार के अन्य लोगों का रो रोकर बुरा हाल हो रहा है। भाई सुरेंद्र सिंह घाट से हट नहीं रहे हैं। वह बराबर नदी में बहे अपने दो भाइयों को लेकर परेशान हो रहे हैं। आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग भी मदद के लिए भी घाट पर हैं। ग्रामीणों का कहना हे कि प्रशासन मदद नहीं कर रहा है जबकि एक दिन एसडीएम और तहसीलदार मौके पर आए थे फिर कोई बड़ा अधिकारी नंी आया। क्षेत्रीय लेखपाल ही हम लोगों के बीच आ रहे हैं। प्रशासन को इस ओर मदद करनी चाहिए। वहीं रविवार को गंगा नदी में करीब दस किलोमीटर तक मोटर वोट गहरे पानी में दौड़ाए गए जाल भी फेंके गए। लेकिन दोनों भाइयों का सुराग नहीं लगा। दर्जन भर से अधिक लोग दोनों भाइयों का सुराग लगाने के लिए गंगा नदी में प्रयास कर रहे हैं। नदी में मगरमच्छ होने के कारण ग्रामीण पानी में उतरने की हिम्मत नहंी कर पा रहे हैं। इस कारण मोटरवोट और नाव के सहारे ही गंगा में बहे दोनों भाइयों की तलाश की जा रही है।
