ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशरैनबसेरा बिन अब चैन नहीं ,रात की सर्दी नें बढ़ाई मुश्किलें

रैनबसेरा बिन अब चैन नहीं ,रात की सर्दी नें बढ़ाई मुश्किलें

नबम्बर माह में ही सर्दी नें दस्तक दे दी है। इससे बेसहारा और गरीबों की रात के समय मुश्किलें बढ़ गईं हैं। सबसे ज्यादा दिक्कतें उन लोगों को महसूस हो रहीं हैं जो पालिका के बनाए रैन बसेरों के सहारे सर्द...

रैनबसेरा बिन अब चैन नहीं ,रात की सर्दी नें बढ़ाई मुश्किलें
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजThu, 05 Nov 2020 03:13 AM
ऐप पर पढ़ें

नबम्बर माह में ही सर्दी नें दस्तक दे दी है। इससे बेसहारा और गरीबों की रात के समय मुश्किलें बढ़ गईं हैं। सबसे ज्यादा दिक्कतें उन लोगों को महसूस हो रहीं हैं जो पालिका के बनाए रैन बसेरों के सहारे सर्द रातों को काटते थे। पालिका प्रत्येक वर्ष शहर में चार रैन बसेरे और 210 प्वाइंट बनाकर अलाव जलवाने का काम करती है।

पालिका इन पर हर साल लगभग 13 लाख रुपए खर्च करती है। सदर नगर पालिका दिसम्बर माह के प्रथम सप्ताह के बाद अस्थाई रैन बसेरे बनाने का काम करती है। इसके साथ ही अलाव जलवाए जाते हैं। लेकिन इस बार रात के समय सर्दी की दस्तक नबम्बर माह से ही हो गई है। लेकिन इसके बाद भी पालिका की ओर से अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। पालिका रोडवेज बस अड्डा, पालिका सभागार, रेलवे स्टेशन और फतेहगढ़ में अस्थाई रैन बसेरा बनाती है। लेकिन अभी तक यहां कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। रात के समय उम्मीद लगाकर बेसहारा लोग यहां चक्कर लगाते नजर आने लगे हैं। हालांकि पालिका दिसम्बर माह के प्रथम सप्ताह से प्रत्येक वर्ष गरीब और बेसहारा लोगों को रात के समय सर्दी से बचाने के लिए रैन बसेरों का संचालन शुरू कर देती है। इसके साथ ही अलाव जलाने की भी व्यबस्था की जाती है। पिछले वर्ष पालिका की ओर से 7 दिसंबर को चार अस्थाई रैन बसेरे शुरू किए गए थे। 13 दिसम्बर को शहर में अलाव जलाना शुरू हुए थे। पालिका ने अलाव पर 9 लाख और रैन बसेरे पर तीन लाख 75 हजार खर्च किए थे। अब देखने बाली बात होगी कि पालिका कब तक रैन बसेरों का संचालन शुरू करती है। जिससे बेसहारा और गरीबो को इसमे सहारा मिल सके।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें