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घर में नहाने, खाने के बाद आते हैं क्वारंटाइन सेंटर

बाहर से आने वाले लोगों को लेकर गांव में लोग खासे सकते में हैं। प्रशासन की ओर से परदेसियों की निगरानी के लिए जो क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं उनकी व्यवस्थाएं भी ठीक नहीं हैं। ग्रामीण इलाकों में बाहर से...

घर में नहाने, खाने के बाद आते हैं क्वारंटाइन सेंटर
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजWed, 01 Apr 2020 09:43 PM
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बाहर से आने वाले लोगों को लेकर गांव में लोग खासे सकते में हैं। प्रशासन की ओर से परदेसियों की निगरानी के लिए जो क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं उनकी व्यवस्थाएं भी ठीक नहीं हैं। ग्रामीण इलाकों में बाहर से आने वाले लोग घरों में नहा खा रहे हैं और आराम से क्वारंटाइन सेंटर में आकर दिन काट रहे हैं। इससे ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ रही है। ऐेसे में यदि प्रशासन सख्त नहीं हुआ तो और दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी। हिन्दुस्तान ने क्षेत्र में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों की पड़ताल की तो स्थिति बड़ी ही चौंकाने वाली सामने आई। जिस संख्या में गांव में लोग आए हैं उतनी संख्या में लोग क्वारंटाइन सेंटर पर भी नहीं पहुंचे।

निनौरा श्रंखलापुर का प्राथमिक विद्यालय क्वारंटाइन सेंटर है। गांव में 150 लोग बाहर से आए और इसमें तीन लोग ही अभी तक रहने के लिए पहुंचे हैं। प्रधान दिलशाद खां ने बाहर से आए लोगों के लिए खाने से लेकर बिस्तर तक की व्यवस्था कराई है। अभी तक यहां जांच के लिए कोई टीम भी नहीं पहुंची। जीरागौर के प्रधान प्रतिनिधि शीबू ने 80 लोगों की सूची बनाई। जबकि यहां रहने के लिए चार लोग पहुंचे। खाना घर से बनकर आ रहा है। नहाने भी घर पर जा रहे हैं। फत्तेपुर राव साहब के प्राथमिक विद्यालय में 51 लोगों की सूची रखने के लिए बनाई गई है। यहां कोई नहीं पहुंचा है। नगरिया देवधरापुर में आठ लोग बाहर से आए हैं। बुलाने के बाद भी रहने को तैयार नही हैं। फतेह उल्लापुर में 30 लोग बाहर से आए हैं। 7 लोग ही पहुंचे हैं। रठौरा मोहद्दीनपुर में केवल 8 लोग ही पहुंचे हैं जबकि यहां संख्या काफी अधिक है। उस्मानगंज में कोई भी रहने के लिए नहीं पहुंचा है। कुम्हौली के स्कूल में 10 लोग नहीं पहुंचे हैं। जहानगंज पंचायतघर में भी कोई रहने को नहीं आया है। गौसपुर, कतरौली पट्टी, उगरापुर, शेखपुर रुस्तमपुर, बहोरिकपुर, नसरतपुर नौगवां आदि में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। निनौरा, जीरागौर का स्कूल आवादी के पास ही है। अधिकतर जगहों पर चेकिंग का काम भी नहीं हुआ है। लोग मनमाने ढंग से आ जा रहे हैं। नहाना, खाना घर पर कर रहे हैं और दिखावे के लिए स्कूल में आ रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण चिंतित है कि प्रशासन इस ओर ध्यान दे।

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