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बाहर गेट पर पुलिस का पहरा, मंडी के अंदर भीड़

मुख्यमंत्री की सख्ती का असर यहां लॉकडाउन में कतई नहंी दिखाई पड़ रहा है। सुबह अफसरों को जरूर लॉक डाउन की चिंता सता रही है तो वहीं दोपहर अफसर जरूर सब कुछ भूल रहे हैं। ऐेसे में बेपरवाह होकर लोग लॉकडाउन...

मुख्यमंत्री की सख्ती का असर यहां लॉकडाउन में कतई नहंी दिखाई पड़ रहा है। सुबह अफसरों को जरूर लॉक डाउन की चिंता सता रही है तो वहीं दोपहर अफसर जरूर सब कुछ भूल रहे हैं। ऐेसे में बेपरवाह होकर लोग लॉकडाउन...
1/ 2मुख्यमंत्री की सख्ती का असर यहां लॉकडाउन में कतई नहंी दिखाई पड़ रहा है। सुबह अफसरों को जरूर लॉक डाउन की चिंता सता रही है तो वहीं दोपहर अफसर जरूर सब कुछ भूल रहे हैं। ऐेसे में बेपरवाह होकर लोग लॉकडाउन...
मुख्यमंत्री की सख्ती का असर यहां लॉकडाउन में कतई नहंी दिखाई पड़ रहा है। सुबह अफसरों को जरूर लॉक डाउन की चिंता सता रही है तो वहीं दोपहर अफसर जरूर सब कुछ भूल रहे हैं। ऐेसे में बेपरवाह होकर लोग लॉकडाउन...
2/ 2मुख्यमंत्री की सख्ती का असर यहां लॉकडाउन में कतई नहंी दिखाई पड़ रहा है। सुबह अफसरों को जरूर लॉक डाउन की चिंता सता रही है तो वहीं दोपहर अफसर जरूर सब कुछ भूल रहे हैं। ऐेसे में बेपरवाह होकर लोग लॉकडाउन...
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजFri, 24 Apr 2020 11:37 PM
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मुख्यमंत्री की सख्ती का असर यहां लॉकडाउन में कतई नहंी दिखाई पड़ रहा है। सुबह अफसरों को जरूर लॉक डाउन की चिंता सता रही है तो वहीं दोपहर अफसर जरूर सब कुछ भूल रहे हैं। ऐेसे में बेपरवाह होकर लोग लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग तार तार है तो वहीं दुकानों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का कोई मतलब नहीं मालुम पड़ रहा है। शहर के मुख्य मार्गो पर जिस तरीके से वाहन दौड़ रहे हैं उससे यही लग रहा है कि किसी को कोई पुलिस का खौफ नहंी है। लॉकडाउन के 30 दिन हो चुके हैं। जिले में लॉकडाउन को लेकर लोगों को किसी प्रकार की ज्यादा दिक्कत नहंी हुई। आराम से लोग सड़कों पर निकलते रहे। शुक्रवार को भी शहर में कई स्थानों पर खासी चहलकदमी पाई गई। सातनपुर मंंडी में मुख्य गेट पर भले ही पुलिस कर्मी एक एक कर जाने दे रहे थे मगर अंदर जो स्थिति थी वह एकदम विपरीत थी।

यहां पर किसान सोशल डिस्टेंसिंग को समझ ही नहीं रहे थे। यहीं पर ही सब्जी की दुकानों पर भी सोशल डिस्टेसिंग का कोई मतलब नहीं मालुम पड़ रहा था। शहर के रेलवे रोड, नेहरू रोड और घुमना स्थित कई मेडिकल स्टोरों पर सोशल डिस्टेंसिंग नहंी दिखाई पड़ी। यही नहंी गली, मोहल्लों में रोक के बाद भी परचूनी की दुकानें खुली रहीं। किसी प्रकार की कोई निगरानी भी नहीं की की गई। ढील देने से अब तो गली मोहल्लों में मोमोज, फिंगर चिप्स, समोसा, गन्ना का जूस आदि का भी इंतजाम हो गया है।

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