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बाइक मालिक को पता नहीं चला, दूसरे के नाम पर ट्रांसफर

बाइक मालिक को पता नहीं चला और बाइक दूसरे व्यक्ति को बेच दी गई। बिना वाहन स्वामी की अनुमति के बाइक का एआरटीओ कार्यालय से ट्रांसफर दूसरे के नाम पर हो गया। इस मामले में पीड़ित ने कोतवाली में तहरीर भी दी...

बाइक मालिक को पता नहीं चला, दूसरे के नाम पर ट्रांसफर
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजMon, 20 May 2019 11:16 PM
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बाइक मालिक को पता नहीं चला और बाइक दूसरे व्यक्ति को बेच दी गई। बिना वाहन स्वामी की अनुमति के बाइक का एआरटीओ कार्यालय से ट्रांसफर दूसरे के नाम पर हो गया। इस मामले में पीड़ित ने कोतवाली में तहरीर भी दी लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जिस पर पीड़ित ने कोर्ट में एआरटीओ व लिपिक समेत चार के खिलाफ धोखाधड़ी में याचिका दायर की। कोर्ट ने इस पर आख्या मांगी है। शहर कोतवाली के गांव बंधा अमेठी कोहना निवासी लालजी दुबे ने एआटीओ मोहम्मद हसीब, पंजीयन लिपिक भीम, एक एजेंसी के मैनेजर शर्मा, ग्रीश चंद्र निवासी रागसहाय मउदरवाजा के खिलाफ कोर्ट में धाखाधड़ी की याचिका दायर की। जिसमें बताया कि दिसंबर 2018 में एक एजेंसी से 97 हजार रुपए में एक बाइक खरीदी थी। 8 फरवरी को पंजीकरण को लेकर एजेंसी में मैनेजर से मिलने गया। मैनेजर ने बताया कि पंजीकरण हो गया है शीघ्र ही फाइल मिल जाएगी। इसी बीच बाइक में आवाज आने लगी। जिस पर 12 फरवरी को बाइक लेकर फिर से एजेंसी पर गया। मैनेजर ने बाइक खड़ी करवा ली और सही करके देने का भरोसा दिया। दूसरे दिन जब बाइक लेने के लिए एजेंसी पर गया तो मैनेजर ने बताया कि तुम्हारी बाइक ग्रीश चंद्र के माध्यम से तुम्हारे घर पर भिजवा दी है। लेकिन बाइक लेकर कोई भी घर पर नहीं आया। बाइक के बारे में जानकारी करने के लिए ग्रीश चंद्र के गांव गया तो वहाँ पर दरवाजे पर बाइक खड़ी देखी। पूछने पर ग्रीश चंद्र ने बताया कि यह बाइक मैने खरीदी है। जिस पर वापस एजेंसी पर गया तो मैनेजर ने कोई सही जबाब नहीं दिया। एआरटीओ कार्यालय में जानकारी की तो पता चला की बाइक ग्रीश चंद्र के नाम पर ट्रासंफर हो चुकी है। इस तरह एआरटीओ व लिपिक समेत अन्य लोागो ने धोखाधड़ी करके बाइक का ट्रासंफर फर्जी दस्तावेजो के सहारे कर दिया गया। इस मामले में कोतवाली में शिकायत भी की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोर्ट में सोमवार को याचिका को मंजूर कर पूरे मामले में पुलिस से आख्या मांगी है ।

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