अब बच्चों का आधार सत्यापन होगा
परिषदीय स्कूलों में लाखों बच्चे पंजीकृत हैं। बच्चे मिड डे मील खाते हैं। परिषदीय व सहायता प्राप्त स्कूलों के बच्चे इसमें शामिल हैं। नौकरी हासिल करने में कई शिक्षक-शिक्षिकाओं ने खूब फर्जीवाड़ा किया है।...
परिषदीय स्कूलों में लाखों बच्चे पंजीकृत हैं। बच्चे मिड डे मील खाते हैं। परिषदीय व सहायता प्राप्त स्कूलों के बच्चे इसमें शामिल हैं। नौकरी हासिल करने में कई शिक्षक-शिक्षिकाओं ने खूब फर्जीवाड़ा किया है। शिक्षकों के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग बच्चों की संख्या का सत्यापन करवाने जा रहा है। इसके बाद बच्चों की फर्जी संख्या पर लगाम लगने की उम्मीद है। शिक्षको के नौकरी पाने में जगह जगह फर्जीवाड़ा किया गया। इसकी जांच चल रही है। शासन ने सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के अलावा शिक्षामित्र और अनुदेशकों के अभिलेखों की जान पड़ताल शुरू कर दी है।
अधिकतर स्कूलों में बच्चों के पंजीकरण में फर्जीवाड़ा कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। बच्चों के पंजीकरण में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब शासन ने पंजीकृत बच्चों के आधार कार्ड सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए तीन स्तरों पर काम किया जाएगा। पहला बच्चों की आधार संख्या की फीडिंग हैं तो उसका सत्यापन होगा और यदि बच्चे का आधार कार्ड नहीं है तो उसका कार्ड बनाया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग यूआईडीएआई ने रजिस्ट्रार नामित किया है। इसके लिए हर खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में दो आधार किटें खरीदी गई हैं। आधार कार्ड इसी से बनाया जाएगा। इसके लिए सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को मशीनें सक्रिय करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। स्कूलों में पंजीत बच्चों की संख्या को लेकर फर्जीवाड़े की आशंका है। बच्चों की इस संख्या को लेकर फर्जीवाड़े की आशंका हमेशा जताई जाती है। कई शहर की सीमाओं से सटे स्कूलों में संख्या बढ़ा कर लिखी जाती है। एक ही बच्चा आसपास के कई स्कूलों में पंजीकृत कर लिया जाता है। क्योंकि पहले इसके आधार पर ही शिक्षकों की संख्या तय की जाती थी। वहीं, पंजीकृत संख्या के आधार पर ही यूनिफार्म, स्वेटर, जूते-मोजे, स्कूल बैग, किताबें आदि खरीदी जाती हैं। लेकिन मिड डे मील की मानीटरिंग से आईवीआरएस के जरिए की जा रही है। मासिक या सालाना औसत निकाला जाता है तो वह पंजीकृत बच्चों की संख्या से काफी कम रहता है। एमडीएम में ओवर रिपोटिंर्ग करने के मामले में लगभग आधा सैकड़ा शिक्षको के खिलाफ विभाग की तरफ से कार्रवाई भी की जा चुकी है। बीएसए लालजी यादव ने बताया कि अभी इस तरह का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। पत्र मिलते ही आगे की कार्रवाई के लिए जिम्मेदारों को निर्देशित किया जाएगा।