मनरेगा पर खामोशी, कैसे मिले मजदूरों को रोजगार
Farrukhabad-kannauj News - फर्रुखाबाद में मनरेगा के तहत काम की स्थिति बेहद खराब है। 246 गांवों में कोई काम नहीं हुआ, जबकि 12085 मजदूरों को ही रोजगार मिला। नवाबगंज और मोहम्मदाबाद ब्लाक में स्थिति सबसे खराब है। पौधरोपण अभियान के...

फर्रुखाबाद, संवाददाता। मनरेगा में आखिरकार जिस तरीके से काम चल रहा है उससे मजदूरों को काम के लाले पड़ रहे हैं। जनपद में अभी भी 246 गांव ऐसे हैं जहां पर शनिवार को धेला भर का काम नहीं हुआ। सबसे अधिक मनरेगा की दुर्गति नवाबगंज और मोहम्मदाबाद ब्लाक में हो रही है। मानीटरिंग के अभाव में मनरेगा मजदूरों को निराशा हाथ लग रही है। यह स्थिति तब है जबकि पौधरोपण जैसा अभियान भी शुरू हो चुका है। जनपद मेंे मनरेगा की स्थिति पिछले काफी समय से पटरी पर नही आ रही है। अचानक काम की रफ्तार सुस्त होने से मजदूरों का भी भला नही हो पा रहा है।
ऐसे समय में जबकि इस समय खेतीबाड़ी में ज्यादा काम नही है फि र भी मनरेगा मजदूरों को अपेक्षा अनुसार काम नही मिल पा रहा है। शनिवार को मनरेगा के आंकड़ों को देखें तो जनपद में 12085 ही मजदूरों को रोजगार मिला। सबसे कम रोजगार बढ़पुर और नवाबगंज ब्लाक में मजदूरों को मिला। बढ़पुर में महज 579 और नवाबगंज में 494 मजदूरों को ही काम दिया जा सका। वैसे मजदूरों के ग्राफ के हिसाब से सबसे बेहतर स्थिति में राजेपुर ब्लाक है। यहां पर शनिवार को 2990 मजदूरों को काम मिला। कमालगंज में भी ठीक ठाक स्थिति है। यहां पर 2727 मजदूरों से काम कराया गया। पौधरोपण का काम शुरू होने से किसी हद तक दोनों ब्लाको में बेहतर स्थिति बनी है। आंकड़ों पर गौर करें तो कायमगंज में 87 ग्राम पंचायतों में 54, कमालगंज में 118 मे 85, मोहम्मदाबाद में 89 में 36 ग्राम पंचायतों में मनरेगा से काम हुआ नवाबगंज में 70 मेें 24, राजेपुर में 81 में 47, शमसाबाद ब्लाक में 96 में 56 ग्राम पंचायतों में काम कराया गया। इस तरह से 600 गांव में 354 गांव में ही काम हो सका है। जहां तक काम का सवाल है तो अभी भी ग्राम पंचायतों में चकरोड पर मिट्टी कार्य के काम कराये जाने पर जयादा रुचि नहीं ली जा रही है। जबकि पौधरोपण और नाला खुदाई और सफाई के कार्य में भी मजदूरों को लगाया गया है।
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