ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशलोहिया अस्पताल: डॉक्टर बैठते नहीं कैसे कराएं गरीब इलाज

लोहिया अस्पताल: डॉक्टर बैठते नहीं कैसे कराएं गरीब इलाज

लोहिया अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए अब तक भले ही कितने प्रयास किए गए हैं मगर उनका कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। लोहिया महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं भी गरीबों को सुलभ नहीं...

लोहिया अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए अब तक भले ही कितने प्रयास किए गए हैं मगर उनका कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। लोहिया महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं भी गरीबों को सुलभ नहीं...
1/ 2लोहिया अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए अब तक भले ही कितने प्रयास किए गए हैं मगर उनका कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। लोहिया महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं भी गरीबों को सुलभ नहीं...
लोहिया अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए अब तक भले ही कितने प्रयास किए गए हैं मगर उनका कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। लोहिया महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं भी गरीबों को सुलभ नहीं...
2/ 2लोहिया अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए अब तक भले ही कितने प्रयास किए गए हैं मगर उनका कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। लोहिया महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं भी गरीबों को सुलभ नहीं...
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजMon, 21 Sep 2020 11:25 PM
ऐप पर पढ़ें

लोहिया अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए अब तक भले ही कितने प्रयास किए गए हैं मगर उनका कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। लोहिया महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं भी गरीबों को सुलभ नहीं हो पा रही हैं। सोमवार को महिला अस्पताल में डॉक्टरों के न बैठने से गर्भवती, धात्री महिलाओं को मुसीबत उठानी पड़ी। घंटों इंतजार किया। इसके बाद भी जब डॉक्टर इलाज को नहीं पहुंचे तो मजबूरन स्टाफ नर्स से परामर्श लेकर महिलाएं घर लौट गईं। जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने पिछले दिनों ही लोहिया अस्पताल का दौरा किया था। स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए उन्होंने सख्त निर्देश दिए थे। इसके बाद भी यहां की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हो रहा हैँ। जस की तस सेवाएं चल रही हैं। डॉक्टर अपनी मर्जी से कक्षों में बैठे रहे हैँ। सोमवार को सुबह से ही यहां पर विभिन्न क्षेत्रों की महिलाएं इलाज को पहुंचने लगी थीं। सुबह 11.30 तक कोई नहीं पहुंचा जबकि 65 पर्चे बन चुके थे। कई गर्भवती महिलाएं भी यहां पर पहुंची थीं जो कि परेशान दिख रही थीं। मरीज काफी देर तक तो डॉक्टर का इंतजार करते रहे। जब उन्हें पता लगा कि अब यहां पर कोई आने वाला नहीं है तो मजबूरन उन्होंने स्टाफ नर्स से जाकर परामर्श ली। बहुत से मरीज तो डॉक्टर के न मिलने से लौट गए। यहां मौजूद महिला मरीजों ने बताया कि बड़ी उम्मीद के साथ यहां पर पहुंचे थे। मगर डॉक्टरों की सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। पूर्व मेंे भी ऐसा कई बार हो चुका है। फतेहगढ़ और कमालगंज से पहुंची एक महिला ने बताया कि वह इतनी दूर से आई है फिर भी उसको इलाज नहीं मिल पा रहा है। सीएमएस डॉ.कैलाश ने बताया कि जो डॉक्टर लेट आ रहे हैं उनकी जांच कराई जाएगी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें