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लोहिया अस्पताल में पूरा स्टाफ ही मिला गोल

लोहिया अस्पताल में बदइंतजामियों की पोल मंगलवार को उस समय खुल गई जब डीएम के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र पेंसिया, एसडीएम सदर और सीएमओ अस्पताल पहुंचे। सुबह 8.05 बजे निरीक्षण के दौरान पुरुष...

लोहिया अस्पताल में पूरा स्टाफ ही मिला गोल
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजTue, 25 Jun 2019 11:45 PM
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लोहिया अस्पताल में बदइंतजामियों की पोल मंगलवार को उस समय खुल गई जब डीएम के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र पेंसिया, एसडीएम सदर और सीएमओ अस्पताल पहुंचे। सुबह 8.05 बजे निरीक्षण के दौरान पुरुष और महिला अस्पताल में लगभग पूरा स्टाफ ही गोल मिला। सीडीओ ने गैरहाजिर मिले महिला अस्पताल के सीएमएस समेत 51 डॉक्टरों व कर्मियों का एक दिन का वेतन रोके जाने के आदेश दिए हैं। अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को भी लिखा गया है।

सीडीओ सुबह 8 बजे ही अस्पताल में पहुंच गए थे। 8.05 बजे से निरीक्षण शुरू किया। इसमें एसडीएम सदर को महिला अस्पताल में भेज दिया गया। महिला अस्पताल में कोई भी डॉक्टर, कर्मचारी, कार्यालय स्टाफ मौजूद ही नहीं मिला। महिला अस्पताल में जगह जगह कूड़ा पड़ा हुआ था। क ई स्थानों पर गंदगी पाई गई। पुरुष अस्पताल में भूतल, प्रथम तल, द्वितीय तल और तृतीय तल पर काफी गंदगी मिली। रैंप से जाने पर उसके किनारे पान की पीक और मिट्टी धूल जमी हुई पाई गई। लोहे की जाली पर धूल, मिट्टी जमी थी। मालुम पड़ रहा था कि अस्पताल में सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता। जबकि सफाई के लिए ठेकेदार तैनात है। अस्पताल परिसर में गंदगी देखकर सीडीओ का पारा गर्म हो गया। उन्होंने सीएमएस को कड़े निर्देश दिए। पीने के पानी के स्थान पर पानी बहता हुआ मिला। इससे कीचड़ हो रहा था। वाटर कूलर की टोंटी खराब होने से उसमें निरंतर पानी बह रहा था। उन्होंने हिदायत दी कि सभी कर्मचारियों को लगाकर अस्पताल में साफ सफाई कराई जाए।

साहब यहां रोज नहीं बदली जाती चादरें

एनआरसी कक्ष में सफाई कर्मी ने सारा कूड़ा गेट के सामने एकत्र कर दिया था। इस पर उसे कड़ी हिदायत दी गई। सीडीओ ने कहा कि कक्षवार स फाई कर उसका कूड़ा हटाने के बाद ही दूसरे कक्ष की सफाई करें। सफाई कर्मियां ने बताया कि उसे सफाई के लिए फिनायल, झाड़ू, पोंछा, वायपर आदि नहीं मिलता है। मरीजों के क क्ष में जब सीडीओ पहुंचे तो कई मरीजों ने सीडीओ से कहा कि यहां पर चादरों को रोज नहीं बदला जाता है। अधीक्षक ने बताया कि कलरवार चादरें बिछाए जाने का दिन निर्धारित है। इसी कारण से चादरें नहीं बदली जा सकीं। अमेठी गांव की नाजो और हैदर की मां मेहरबानों ने शिकायत करते हुए कहा कि चार दिन से कोई बेडशीट नहीं बदली गई। अस्पताल कर्मचारी कहने के बाद भी अनसुनी कर देते हैं।

खेल कक्ष में नहीं मिला पंखा

एनआरसी कक्ष के पास बने खेल कक्ष में बच्चों के लिए खिलौने तो रखे थे मगर उसमें कोई पंखा नहंी लगा था। कमरे में काफी गर्मी थी। अधीक्षक को निर्देशित किया गया पंखा लगवाना सुनिश्चित करें। गेलरी में कपड़ा स्टेंड टूटा पाया गया। वहीं न्यू बोर्न केयर यूनिट में 12 बैड लगे थे। मौके पर शू कवर, कैप मॉस्क उपलब्घ नहीं थे। एक यूनिट में एसी से पानी जमीन पर टपक रहा था।

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