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टीकाकरण न कराने पर अड़े ग्रामीण, जैसे-तैसे माने

बढ़पुर ब्लाक के बाबरपुर गांव में मंगलवार को मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण को पहुंची टीम को ग्रामीणों ने चलता कर दिया। ग्रामीण बच्चों के टीकाक रण को किसी सूरत में तैयार नहीं थे। स्वास्थ्य कर्मियों ने...

टीकाकरण न कराने पर अड़े ग्रामीण, जैसे-तैसे माने
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजTue, 09 Jan 2018 06:11 PM
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बढ़पुर ब्लाक के बाबरपुर गांव में मंगलवार को मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण को पहुंची टीम को ग्रामीणों ने चलता कर दिया। ग्रामीण बच्चों के टीकाक रण को किसी सूरत में तैयार नहीं थे। स्वास्थ्य कर्मियों ने गांव के बाहर से ही इसकी सूचना सहायक विकास अधिकारी पंचायत को दी। इस पर उन्होंने गांव में जाकर ग्रामीणों को टीकाकरण को लेकर फैली भ्रांतियों को समाप्त किया। उन्होंने कहा कि टीकाकरण से कोई हानि नहीं है। पूरे प्रदेश के कई जिलों में यह अभियान चल रहा है।

मिशन इंद्रधनुष के तहत 0 से 5 साल तक के बच्चों का टीकाकरण अभियान स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाया जा रहा है। मंगलवार को दोपहर एएनएम सारिका के नेतृत्व में टीम गांव में टीक ाकरण को पहुंची तो यहां पर मुस्लिम समाज के कई परिवारों ने टीकाकरण का विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि वे लोग पिछले कई सालों से टीकाकरण नहीं करवा रहे हैं। उनमें टीकाकरण को लेकर कई प्रकार की भ्रंाति भी थी। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए टीम गांव के बाहर आ गई और यहीं से टीम ने एडीओ पंचायत सत्यनरायन सिंह को ग्रामीणों के रवैए के बारे में जानकारी दी। टीम ने बताया कि ग्रामीण टीकाकरण को तैयार नहीं हो रहेे हैं। इस पर एडीओ पंचायत अपनी टीम के साथ गांव में पहुंचे। उनके साथ स्वच्छाग्रही आदि गांव में पहुंचे। यहां पर उनके साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम भी थी।

ग्रामीणों ने पंचायती राज विभाग के कर्मियों को भी बताया कि वे लोग अपने बच्चों को टीकाकरण नहीं कराएंगे। इस पर एडीओ ने गांव के बुजुर्गो और महिलाआं को एकत्र किया और उनकी सारी भ्रांतियों को दूर किया। एडीओ ने बताया कि शासन स्तर से टीकाकरण का अभियान बच्चों की सेहत के मद्देनजर चलाया जा रहा है। इसमें किसी प्रकार का खतरा नहीं है। जैसे तैसे ग्रामीण टीकाकरण को राजी हुए। इसके बाद टीम ने यहां पर दो साल तक के बच्चों को खसरा और डीपीटी के टीके लगाए। एडीओ ने बताया कि ग्रामीण समझाने पर मान गए। उनमें कुछ भ्रांतियां थीं जिसका समाधान कर दिया गया। यह लोग पिछले चार साल से मुस्लिम समाज के लोग यहां पर टीकाकरण नहीं करा रहे थे।

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