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गंगा का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान के करीब पहुंचा

गंगा नदी के जलस्तर में मंगलवार को और इजाफा हो गया। पहले से ही उफान पर चल रहीं गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। रामगंगा के जलस्तर में भी दस सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। सुबह चार बजे...

गंगा नदी के जलस्तर में मंगलवार को और इजाफा हो गया। पहले से ही उफान पर चल रहीं गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। रामगंगा के जलस्तर में भी दस सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। सुबह चार बजे...
1/ 2गंगा नदी के जलस्तर में मंगलवार को और इजाफा हो गया। पहले से ही उफान पर चल रहीं गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। रामगंगा के जलस्तर में भी दस सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। सुबह चार बजे...
गंगा नदी के जलस्तर में मंगलवार को और इजाफा हो गया। पहले से ही उफान पर चल रहीं गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। रामगंगा के जलस्तर में भी दस सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। सुबह चार बजे...
2/ 2गंगा नदी के जलस्तर में मंगलवार को और इजाफा हो गया। पहले से ही उफान पर चल रहीं गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। रामगंगा के जलस्तर में भी दस सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। सुबह चार बजे...
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजTue, 25 Aug 2020 11:36 PM
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गंगा नदी के जलस्तर में मंगलवार को और इजाफा हो गया। पहले से ही उफान पर चल रहीं गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। रामगंगा के जलस्तर में भी दस सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। सुबह चार बजे से पानी का दबाव तराई क्षेत्रों में बढ़ गया।

गंगापार और तराई क्षेत्र के कई गांव में पानी घुस गया है। जिले में बाढ़ की चपेट में आने वाले गांव की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। बाढ़ से प्रभावित कई गांव खतरे में आ गए हैं। यहां के लोग गांव छोड़ने के लिए बेचैन हो रहे हैं। मंगलवार को गंगा नदी का जलस्तर बढ़कर 137 मीटर पर पहुंच गया। जो कि खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ही दूर है। रामगंगा नदी का जलस्तर 135.45 मीटर पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा नदी में 113217, हरिद्वार बांध से 79021, बिजनौर से 54275 क्यूसेक पानी पास किया गया है। हरेली बैराज से 6480, खो से 7753 और रामनगर बैराज से 9991 क्यूसेक पानी भेजा गया है। यह पानी 15 घंटे के भीतर यहां आने की संभावना है। नदियों में जिस तेजी के साथ पानी बढ़ रहा है उससे गंगापार और शमसाबाद के कई नए गांव चपेट में आ गए हैं। दोनों ही क्षेत्रों के आवागमन पूरी तौर पर बंद है। तराई क्षेत्र में डिमांड के बाद भी नावों का इंतजाम नहीं हो पाया है जिससे ग्रामीण चाहकर भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। गांव के लोगों को चिंता है कि यदि पानी ज्यादा दिन तक भरा रहा तो उनके सामने भुखमरी की समस्या आ जाएगी। गंगापार के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र में सुबह से पानी का दबाव बढ़ गया। इससे चौरा रोड पर दोनों तरफ पानी निकलने लगा। लोगों की दहशत इतनी बढ़ी कि लोग ट्रैक्टर आदि के माध्यम से घर छोड़कर रिश्तेदारियों की ओर कूच करने लगे हैं। प्रशासन की ओर से गांव में अभी तक बेहतर इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिससे लोगों का हाल खराब हो रहा है। कंपिल के एक दर्जन गांव में भी विकराल स्थिति है। संपर्क मार्ग पानी में डूब जाने से आवागमन बाधित हो गया है।

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