फर्रुखाबाद। हिन्दुस्तान संवाद
कोरोना वैक्सीनेशन का शुभारंभ शनिवार को हो गया। लंबे इंतजार के बाद लाभार्थियों के वैक्सीन लगाई गई। पहले वैक्सीनेशन को लेकर लाभार्थी नर्वस से दिखाई पड़ रहे थे। वैक्सीन लगी और उसके बाद जब डॉक्टरों के आव्जर्वेशन में लाभार्थियों ने समय व्यतीत किया और उसके बाद जब बाहर आए तो लाभार्थियों के चेहरे खिले दिखाई पड़े।
बाहर बैठे स्वास्थ्य कर्मियों ने भी वैक्सीनेशन कराने वाले लाभार्थियों से पूछा कि किसी प्रकार की कोई घबराहट या अन्य समस्या तो नहीं हुई है। जिले में लोहिया महिला अस्पताल के अलावा कमालगंज और मोहम्मदाबाद के सीएचसी पर वैक्सीनेशन का इंतजाम किया गया था। 100-100 लाभार्थियों के टीकाकरण का लक्ष्य तैयार किया गया था। मगर लक्ष्य के मुताबिक लाभार्थी नहीं पहुंचे। लोहिया महिला अस्पताल में वैक्सीनेशन को लेकर जबरदस्त इंतजाम किए गए थे। यहां पर जो नाम लाभार्थियों के तय किए गए थे उनको मैसेज भी किए गए। मगर वो लोग नहीं आए इसके बाद अन्य लाभार्थियों को फोन और मैसेज करके बुलाया गया। जिन लाभार्थियों ने टीकाकरण कराया पहले तो उनके चेहरों की हवाइयां उड़ रहीं थीं। लाभार्थी वैक्सीन लगवाने के बाद बाहर आए तो उनकी घबराहट भी दूर हो गई। कक्ष में जाने से पहले घबराहट महसूस कर रहे थे। बाहर निकले कुछ लाभार्थियों ने तो स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सेल्फी भी ली। टीकाकरण के बाद मौजूद डॉक्टरों ने हर एक स्टेप पर जांच पड़ताल की। जांच पड़ताल में शामिल डॉक्टरों ने मरीजों का उत्साह बढ़ाने का हर संभव प्रयास किया। मरीज कक्ष से बाहर निकलकर बेफिक्र दिखे। उनका कहना था कि जब उनके पास मैसेज आया तो घबराहट जैसी लगी थी। टीकाकरण के बाद उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत महसूस नहीं हुई। वहीं दूसरी ओर कोरोना से जंग जीतने वाले लैब टेक्नीशियन शानू भदौरिया ने जब कोरोना का टीका लगवाया तो उनका चेहरा खिल गया। घर जाकर उन्होंने अपनी पत्नी को भी टीका के बारे में जानकारी दी। शानू ने बताया कि उन्होंने कोरोना काल में पांच हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए। टेस्टिंग के बीच ही उन्हें भी कोरोना हो गया था। इसमेंं उन्होंने हिम्मत नहंीं हारी। परिवार के लोगों ने साथ दिया और जंग जीतकर फिर से जनता की सेवा शुरू कर दी।