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मेला श्री रामनगरिया : बिखरा धार्मिक उल्लास, गंगा की साधना में जुटे कल्पवासी

फर्रुखाबाद। संवाददाता मेला श्री रामनगरिया में बुधवार को रौनक दिखाई पड़ी। चार...

मेला श्री रामनगरिया : बिखरा धार्मिक उल्लास, गंगा की साधना में जुटे कल्पवासी
हिन्दुस्तान टीम,फर्रुखाबाद कन्नौजThu, 20 Jan 2022 03:45 AM
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फर्रुखाबाद। संवाददाता

मेला श्री रामनगरिया में बुधवार को रौनक दिखाई पड़ी। चार दिन से जिस तरह से सर्दी पड़ रही थी और सूर्यदेव नहीं निकल रहे थे उससे कल्पवासी भी परेशान थे। दोपहर में धूप खिली तो कल्पवास को आए लोगों को भी राहत मिली। हालांकि, अभी मेले की शुरुआत है। दोपहर में विभिन्न इलाकों से लोग परिवार सहित मेला क्षेत्र में पहुंचे। लोगों ने कथा पंडालों में जाकर प्रवचन का आनंद लिया तो वहीं गंगा स्नान करना भी नहीं भूले। मेले में चारो तरफ धार्मिक उल्लास बिखर चुका है। साधु संत से लेकर कल्पवासी सभी अध्यात्म साधना में जुट गए हैं। मेला क्षेत्र में हल्की भीड़ नजर आई। लोगों ने साधु संतों के आश्रम में जाकर आशीर्वाद लिया। मेला बाजार में लोगों की आवाजाही दिखी। कारोबारी भी मौसम का मिजाज सही होने से उत्साहित थे। हालांकि, अभी मेले में दुकानों के लगने का दौर अभी जारी है। दो तीन दिन तक वहां पर कारोबार क्षेत्र व्यापक हो जाएगा। उधर मेला क्षेत्र के मनोरंजन क्षेत्र में अभी कोई भी शो शुरू नहीं हो पाए। इससे अपने परिजनों के साथ मेला पहुंचे बच्चों को मायूसी हाथ लगी। मनोरंजन क्षेत्र पूरी तौर पर तैयार नहीं हो सका। मनोरंजन ठेकेदार इमरान ने बताया कि उनके कुछ आइटम अभी आ नहीं पाए हैं। सर्कस, मौत का कुआं, झूला चालू होने वाले हैं। जैसे ही सभी आइटम आ जाएंगे सुचारू रूप से यहां मनोरंजन चालू हो जाएगा। मेला शुरू हुए दो दिन बीत गए हैं मगर प्रशासनिक क्षेत्र को छोड़कर कहीं पर भी व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं की गई हैं। संत और कल्पवासी प्रशासनिक अधिकारियों के पास बार बार शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं।

माघ मेले में बंदरिया वाले बाबा के क्या कहने

फर्रुखाबाद। संवाददाता

पांचालघाट के माघ मेले में एक माह का कल्पवास करने के लिए मोहनगिरि भी आए हुए हैं। उनके साथ एक बंदरिया है, जिससे लोग उनको बंदरिया वाले बाबा भी श्रद्धा से कहकर बुलाते हैं। मोहन गिरि का कहना है कि उन्होंने बंदरिया का नाम पारुल गिरि रख दिया है। बताया कि उनके शाहजहांपुर और काशी में आश्रम हैं। शाहजहांपुर के आश्रम में तीन साल पहले बिजली का करंट लगने से एक बंदरिया की मौत हो गई थी। उसके बच्चे को उन्होंने पाला और इसका नाम भी रखा। मोहन गिरि का कहना है कि वह इसे बच्चों की तरह पाल रहे है और पूरी देख भाल भी कर रहे हैं। रात में भी बंदरिया उनके साथ ही रहती है। वह जहां भी जाते है इसे साथ लेकर जाते हैं। उनका कहना है कि बंदरिया भी उनसे एक पल अलग नहीं हटना चाहती।

ढाईघाट मेले की समस्याओं पर बिफरे साधु संत

शमसाबाद। संवाददाता

ढाईघाट गंगा नदी के किनारे माघ मेला लग गया है। कल्पवासी औ साधु संत यहां दूर दूर से कल्पवास करने के लिए पहुंच गए हैं। मेले में समस्याएं मुंह बाए खड़ी है। इससे साधु संतों के साथ साथ कल्पवासियों को भी दिक्कतें हो रही हैं। बुधवार को ढाईघाट के माघ मेले में साधु संतों की महापंचायत विजय गिरि महाराज की देखरेख में हुई। आधा सैकड़ा से अधिक साधु संत इसमें मौजूद रहे। मेले में जो दिक्कतें आ रही हैं, उसको लेकर भी खुलकर चर्चा की गई। कहा गया कि बिजली की व्यवस्था पूरे मेला क्षेत्र में नही है, मुख्य रास्तों पर ही है। जबकि, साधु संतों के आश्रम के बाहर सन्नाटा है। ऐसे में रात में सुरक्षा को लेकर दिक्कतें रहती हैं। इसलिए साधु संतों के आश्रम के बाहर बिजली व्यवस्था सही कराई जाए। माघ मेले में जो कल्पवा को आए हैं उन्हें चीनी के साथ केरोसिन दिलाया जाए। इसके साथ ही साथ कल्पवासियों की सुरक्षा के लिए पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था हो। साधु संतों ने कहा कि उनकी जल्द से जल्द मांगो को पूरा किया जाए जिससे कि समय से समस्याओं का समाधान हो सके। बैठक के बीच शमसाबाद थानाध्यक्ष साधु संतों के बीच पहुंचे। उनसे बातचीत की। साधु संतों की जो मांगे हैं उसको लेकर उन्होंने कहा कि इन मांगों को वह बड़े अफसरों के सामने रखेंगे जिससे कि समाधान कराया जा सके। सुरक्षा के लिए पुलिस यहां बराबर निगरानी कर रही है वह स्वयं भी राउंड पर रहते हैं। बैठक में लालतानंद, आनंद स्वरूप, श्यामानंद, परमानंद, वेदानंद, जयदेव आदि की मौजूदगी रही।

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