आचार संहिता के पेंच में फंस सकता है गरीबों का हक
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में यदि बजट जल्द नहीं आया तो 400 लाभार्थियों को आचार संहिता के चक्कर में लाभ मिलना भी मुश्किल हो सकता है। समाज कल्याण विभाग की ओर से दो करोड़ रुपए की डिमांड की गई है। मगर...
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में यदि बजट जल्द नहीं आया तो 400 लाभार्थियों को आचार संहिता के चक्कर में लाभ मिलना भी मुश्किल हो सकता है। समाज कल्याण विभाग की ओर से दो करोड़ रुपए की डिमांड की गई है। मगर इसको लेकर अभी धनराशि उपलब्ध नहीं हो पाई है। लाभार्थी समाज कल्याण दफ्तर से लेकर तहसील के लगातार चक्कर लगा रहे हैं। वहां पर से बजट न होने की बात कहकर टरकाया जा रहा है।
पारिवारिक लाभ योजना में 30 हजार रुपए की धनराशि दिए जाने का प्राविधान है। इसमें गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले घर के कमाऊ मुखिया पुरुष क ी मृत्यु होने की दशा में आश्रित को लाभ दिया जाता है। पारिवारिक लाभ योजना में बजट न होने पर टीआर 27 पर रोक लगी थी। निदेशालय ने फिर से टीआर-27 के ग्रांट संख्या 80 से भुगतान कराने के निर्देश दिए हैं। अभी साफ्टवेयर भी काम नहीं कर रहा है। ऐसे में सुनिश्चित भी नहीं हो पा रहा है कि किस स्थिति में लाभार्थियों का भला हो पाएगा। वर्ष 2018-19 में अभी तक 671 लाभार्थियों को लाभ दिया जा चुका है। 95 पत्रावलियां अभी भी स्वीकृत होने को हैं। इसके अलावा 400 अन्य मामले लंवित पड़े हुए हैं। इनके लिए बजट की समस्या खड़ी है। यदि आचार संहिता लग गई तो ऐसे में नए लाभार्थियों को धनराशि मिलना मुश्किल पड़ जाएगा। इस योजना के अंतर्गत 74 आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त भी हो चुके हैं।