जमीन वापसी के लिए आगरा में किसानों ने जमाया डेरा, हाथों में लाठी-डंडा लिए महिलाएं भी पहुंची
आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा 2009 में अधिग्रहीत जमीन वापस करने की मांग को लेकर रविवार को रायपुर व रहनकलां मौजा के सैंकड़ों किसानों ने इनर रिंग रोड पर डेरा डाल दिया। किसान टेंट लगाकर धरना देते हुए सड़क पर बैठ गए।

आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा 2009 में अधिग्रहीत जमीन वापस करने की मांग को लेकर रविवार को रायपुर व रहनकलां मौजा के सैंकड़ों किसानों ने इनर रिंग रोड पर डेरा डाल दिया। किसान टेंट लगाकर धरना देते हुए सड़क पर बैठ गए। उनकी मांग हैं कि इस मामले में उनकी मुख्यमंत्री से वार्ता करायी जाए। मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासनिक और एडीए के अधिकारियों की किसानों ने एक नहीं सुनी। देर रात तक इनर रिंग रोड की एक साइड पर किसानों का धरना जारी था। पुलिस-प्रशासन ने एक साइड पर दोनों तरफ का यातायात शुरू कराया है।
रविवार सुबह 11 बजे रहनकलां व रायपुर मौजा के सैकड़ों किसान संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले ट्रैक्टर ट्रॉली से इनर रिंग रोड के सहारे सर्विस रोड पर पहुंच गए। वहां धरना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद किसान सर्विस रोड से ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर इनर रिंग रोड पर पहुंच गए। बड़ी संख्या में महिलाएं और युवक हाथों में लाठी-डंडे लिए थे। किसानों ने एक साइड पर ट्रैक्टर बीच में खड़े कर जाम लगा दिया। इसके बाद
वहां वाहनों की लम्बी कतार लग गयी। जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने टोल प्लाजा से रूट डायवर्जन कर दूसरी साइड से वाहनों को निकलवाया।
किसानों के धरने की जानकारी होने पर एडीए सचिव श्रद्धा शांडिल्य व एडीएम सिटी अनूप कुमार, एसडीएम संगम लाल, नायब तहसीलदार और एसीपी पियुष कांत राय भी मौके पर पहुंचे। किसानों से वार्ता शुरू की। लेकिन किसान जमीन वापसी की बात पर अड़े रहे। किसान नेता प्रदीप शर्मा ने कहा कि इस प्रकरण में मुख्यमंत्री से मुलाकात करने किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल जाएगा।
धरने में सिस्टम सुधार संगठन के अंशुमन ठाकुर, भारतीय किसान यूनियन भानु के पवन सैंथिया, किसान नेता प्रदीप शर्मा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
एडीए सचिव श्रद्धा सॉडिल्य के अनुसार रहनकलां व रायपुर मौजा के किसानों की जमीन वापसी का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस मामले में शासन स्तर से ही निर्णय लिया जाएगा। हम स्थानीय स्तर पर किसानों के सहयोग के लिए तैयार हैं। शासन के अधिकारियों से वार्ता की जा रही है।
14 साल पहले एडीए ने ली थी जमीन
बताते चलें कि 14 वर्ष पूर्व आगरा विकास प्राधिकरण ने रायपुर व रहनकलां मौजा में 444 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की थी। तब पांच हजार किसान प्रभावित हुए थे। इसका आज तक किसानों को मुआवजा नही दिया गया है। किसानों के राजस्व अभिलेखों से नाम भी काट कर एडीए ने अपने नाम दर्ज करा ली है। विगत कई वर्षों से जमीन वापसी के लिए किसान आंदोलन करते चले आ रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा केवल आश्वासन ही दिया जाता रहा है।
सीएम से वार्ता के बाद ही हटेंगे किसान
भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसान प्रदीप शर्मा ने बताया कि जमीन वापसी के लिए पिछले 14 सालों से आंदोलन कर रहे हैं। उनको लगातार गुमराह किया गया है। अब मामला शासन के पास है। स्थानीय अधिकारी उनकी अतिशीघ्र मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता कराएं। तब ही किसान यहां से हटेंगे।