अजब-गजब! 13 साल पहले किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत की हो गई मौत, गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस
- 17 साल पहले कांधला में जाम लगाने के मामले में स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान समेत 10 आरोपियों के गैर जमानती वारंट पर एसीजेएम न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान भी पुलिस भाकियू संस्थापक स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत का मत्यु प्रमाण पत्र दाखिल नहीं कर सकी।
यूपी के शामली जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिस किसान नेता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की किसानों की लड़ाई लड़ते-लड़ते 13 साल पहले मौत हो चुकी है, उनके खिलाफ कोर्ट ने एक मामले में वारंट जारी कर दिया। यूपी पुलिस भी कोर्ट का वारंट लेकर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पहुंच गई। दरअसल 17 साल पहले कांधला में जाम लगाने के मामले में स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान समेत 10 आरोपियों के गैर जमानती वारंट पर एसीजेएम न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान भी पुलिस भाकियू संस्थापक एवं अध्यक्ष स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत का मत्यु प्रमाण पत्र दाखिल नहीं कर सकी। मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल न होने के चलते कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया। जबकि महेंद्र सिंह टिकैत की 13 साल पहले मृत्यु हो चुकी है। मामले में दो आरोपियों ने अदालत में सरेंडर कर जमानत का प्रार्थना पत्र दिया जिन्हें न्यायालय ने जमानत दे दी।
वर्ष 2007 में जाम लगा धरना प्रदर्शन करने के मामले में मृत्यु के 13 साल बाद भाकियू सुप्रीमो चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान समेत 10 आरोपियों के पेश न होने एसीजेएम कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। मामले में शुक्रवार को तारीख थी मगर कांधला पुलिस महेंद्र सिंह टिकैत का मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल नहीं कर सकी। जिसके चलते कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। जबकि दो आरोपी ईश्वर व मैनपाल ने अदालत में सरेंडर कर वारंट रिकॉल कराए। उनकी जमानत याचिका अदालत ने दोनों को जमानत दे दी है।
यह था मामला
2007 में राजस्थान में गुर्जर आरक्षण को लेकर कांधला के खन्द्रावली चौराहे पर धरना प्रदर्शन करते हुए जाम लगाने के मामले में कांधला थाने पर तत्कालीन एसआई अतर सिंह ने भाकियू संस्थापक व पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र सिंह टिकैत व निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान सहित 20 नामजद व 100-150 अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही है। पुलिस ने अदालत में मृत्यु प्रमाणपत्र दाखिल नहीं किया जिस कारण कोर्ट ने चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत व मनीष चौहान सहित 10 आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी किए थे।
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