
यूपी पुलिस को कमांडो जैसा चुस्त बनाने में जुटे IPS नवनीत सिकेरा, नया कोर्स तैयार; जानें डिटेल
संक्षेप: अभी तक वर्ष 1970 में अपनाई गई पीटी ड्रिल के जरिये ट्रेनिंग दी जाती रही है।भर्ती होने वाले सिपाही को 5 किलो से ज्यादा भारी रायफल थमाकर मैदान में परेड करने के साथ ही पीटी ड्रिल का प्रशिक्षण दिया जाता था। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद भी सिपाही फील्ड ड्यूटी की जरुरतों को पूरी क्षमता से निभा नहीं पाते थे।
UP Police News: यूपी पुलिस के एक अधिकारी ने नब्बे के दशक में मुरादाबाद पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग की। शारीरिक प्रशिक्षण के दौरान उनके घुटने में चोट आ गई। नौकरी को 20 साल हो रहे हैं लेकिन 10 मिनट भी तेज रफ्तार से चलने में उन्हें दर्द हो जा रहा है। ऐसे ही एक अधिकारी ट्रेनिंग के दौरान कमर में चोट खा गए थे। वह अभी तक बैकपेन झेल रहे हैं। यूपी पुलिस के प्रशिक्षण के दौरान इंजरी के ऐसे किस्से अब बीते दिनों की बात बनने वाले हैं। कोशिश है कि पुलिस का हर सिपाही किसी कमांडो से कम न हो। यूपी के सुपरकॉप कहे जाने वाले आईपीएस अधिकारी नवनीत सिकेरा पुलिस को कमांडो जैसा चुस्त दुरुस्त बनाने के इस अभियान में जुटे हैं। पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय ने कम इंजरी और अधिकतम शारीरिक सामर्थ्य को ध्यान में रखकर एक नया कोर्स बॉडी मसल आधारित स्मार्ट पीटी प्रोग्राम-2025 तैयार किया है। वर्तमान में एडीजी प्रशिक्षण नवनीत सिकेरा ने इसे भारतीय खेल प्राधिकरण(साई) से अप्रूब भी कराया है।

बदली जाएगी 55 साल पुरानी पीटी ड्रिल
दरअसल, अभी तक वर्ष 1970 में अपनाई गई पीटी ड्रिल के जरिये प्रशिक्षण दिया जाता है। भर्ती होने वाले सिपाही को पांच किलो से ज्यादा भारी रायफल थमाकर मैदान में परेड करने के साथ ही पीटी ड्रिल का प्रशिक्षण दिया जाता था। ऐसे में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद भी सिपाही फील्ड ड्यूटी की जरुरतों को पूरी क्षमता से निभा नहीं पाते थे। प्रशिक्षण के दौरान इंजरी हो जाती थी, जो आजीवन पीड़ा देती थी। ऐसे में डीजीपी राजीव कृष्णा से मंथन के बाद एडीजी प्रशिक्षण नवनीत सिकेरा ने ये कोर्स तैयार किया है।
पुलिस के नए स्मार्ट कोर्स में अब शारीरिक प्रशिक्षण से सबसे पहले स्ट्रेचिंग, वार्म अप को अनिवार्य किया गया है। फिर विशेष तौर पर तैयार पुलिस के हेल्थ कोच उन्हें ट्रेनिंग देंगे। इसके वार्मअप के बाद अपर बॉडी, मिडिल बॉडी, लोअर बॉडी,फुल बॉडी एक्सरसाइज़ के अलावा कूल डाउन के तरीके भी सिखाए जाएंगे। यही नहीं 100 मीटर दौड़ से लेकर 5 किमी दौड़ और 10 किमी दौड़ के तौर-तरीके और तकनीकी पहलुओं को भी बताया जाएगा। मसलन, दौड़ने से पहले वार्मअप ठीक से करें। स्ट्रेचिंग ठीक से करें। गति का संतलुन बनाए, जल्दबाजी न करें। पानी पीते रहें।
क्यूआर कोड से आम आदमी सीखेगा टिप्स
एडीजी नवनीत सिकेरा कहते हैं कि नए पीटी प्रोग्राम को बॉडी मसल को आधार बना कर तैयार किया गया है। नए पीटी प्रोग्राम में वार्मिंग अप और कूल डाउन एक्सरसाइज जोड़ने के कारण पीटी करते समय चोटिल होने वाले प्रशिक्षुओं की संख्या काफ़ी कमी आई है। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हर कसरत के QR कोड बने हैं, जिससे वर्कआउट करने का सही सही तरीका देखा जा सकता है। इसके लिए 32 हेल्थ कोच तैयार किए गए हैं। यह कोर्स करने वाला सिपाही अव्वल तो सबसे तंदुरुस्त और एक कमांडो की तरह चुस्त, फुर्तीला और बलशाली होगा। हेल्थ कोर्स सिपाहियों को इस दौरान डाइट यानी खान-पान पर विशेष ध्यान देने जैसे प्रोटीन रिच भोजन करने, फल-हरी सब्जियां खाने के लिए टिप्स देंगे।





