जेल में कैदी की मौत पर परिजनों का हंगामा, बेल्ट से पीटने का आरोप, डिप्टी जेलर और वार्डर सस्पेंड
संक्षेप: हमीरपुर में जेल से अस्पताल ले जाए जाते समय बंदी की मौत हो गई। जेल के अंदर पीट-पीटकर हत्या किए जाने का आरोप लगा परिजनों ने सोमवार को दो बार जाम लगाया। जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

यूपी के हमीरपुर जेल से अस्पताल ले जाए जाते समय रविवार को हुई बंदी की मौत पर भारी हंगामा हुआ। जेल के अंदर पीट-पीटकर हत्या किए जाने का आरोप लगा परिजनों ने सोमवार को दो बार जाम लगाया। जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। सदर विधायक ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन देकर शांत कराया। मामले में महानिदेशक कारागार पीसी मीना ने डिप्टी जेलर संगेश कुमार और जेल वार्डर अनिल यादव को लापरवाह मानते हुए निलंबित कर दिया है।
सदर कोतवाली के सूरजपुर वार्ड निवासी 33 वर्षीय अनिल तिवारी का 10 साल पहले पड़ोसी से विवाद हुआ था। पड़ोसी ने मारपीट और एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था। जमानत पर छूटने के बाद अनिल दिल्ली में पिता श्रीकृष्ण के पास जाकर गार्ड की नौकरी करने लगा था। इस वजह से वह तारीखों में हाजिर नहीं हो पा रहा था। मामले में वारंट होने की वजह से उसे 11 सितंबर को जेल भेजा गया था। पत्नी पूजा ने बताया कि देवर भी जेल में था, जो शनिवार को जमानत पर छूटा था। उसने घर आकर अनिल की तबीयत बिगड़ने की बात बताई थी। रविवार को जब जेल में मिलाई करने गई तो मिलने नहीं दिया गया। दोपहर बाद जेल से पति की मौत की सूचना मिली।
इतना पीटा कि काला पड़ गया शरीर
अनिल की पत्नी पूजा ने कहा कि पति बिलकुल अच्छी हालत में जेल गए थे। उनके शव पर देखा तो पीठ और कूल्हे पर चोट के निशान हैं। साफ दिख रहा है कि बेल्ट या पटे से उन्हें बुरी तरह पीटा गया। शरीर के तमाम हिस्से काले पड़ गए। उनका आरोप है कि जेल के अंदर उसे बेल्टों और पट्टों से बेरहमी से पीट कर हत्या की गई। जेल अधीक्षक मंजीव विश्वकर्मा ने बताया कि अनिल को 11 सितंबर को जेल में निरुद्ध किया गया था। पहले ही दिन से उसका व्यवहार अटपटा था। उसका कुछ बंदियों से झगड़ा भी हुआ था। मौत कैसे हुई, इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगी।





