फर्जी स्टांप पेपर केस, गोरखपुर एसओजी ने फिरोजाबाद में दी दबिश; फंडिंग के आरोपी की तलाश
- फर्जी स्टांप प्रकरण को लेकर आई गोरखपुर SOG और वहां की कैंट थाना पुलिस ने फिरोजाबाद के फरिहा थाना क्षेत्र में दबिश दी। पुलिस को पता चला था कि फर्जी स्टांप के लिए फंडिंग करने वाला अर्पित जैन फरिहा का रहने वाला है।
गोरखपुर के फर्जी स्टांप प्रकरण को लेकर आई गोरखपुर एसओजी और वहां की कैंट थाना पुलिस ने फिरोजाबाद के फरिहा थाना क्षेत्र में दबिश दी। पुलिस को पता चला था कि फर्जी स्टांप के लिए फंडिंग करने वाला अर्पित जैन फरिहा का रहने वाला है। सितंबर की शुरुआत में हुए खुलासे के बाद गोरखपुर पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस दौरान दबोचे गए आरोपी नवाब आरजू ने बताया कि फर्जी स्टांप के लिए अर्पित जैन फंडिंग करता था। इसके बाद अर्पित के खिलाफ भी गोरखपुर में मुकदमा दर्ज किया गया।
गोरखपुर पुलिस की जांच में सामने आया कि अर्पित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी जिले का रहने वाला है और जाली स्टांप चलाने के लिए वह बिहार के गैंग को फंड दिला रहा था। एटीएस के साथ एसओजी गोरखपुर आरोपी अर्पित की तलाश में जुट गई। एक सप्ताह की मशक्कत के बाद पता चला कि अर्पित जैन फिरोजाबाद के फरिहा क्षेत्र का निवासी है।
सोमवार दोपहर में गोरखपुर के कैंट थाना के एसएसआई विनोद कुमार और एसओजी की टीम जिले में पहुंची। एटीएस और एसओजी के सदस्य पहले फरिहा थाना पहुंचे। स्थानीय पुलिस को मामले की जानकारी दी। इसके बाद टीम ने कई स्थानों पर गोपनीय सूचना पर अर्पित जैन की तलाश की। थाना प्रभारी फरिहा का कहना है कि गोरखपुर पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस को अर्पित के घर पर दबिश में भेजा था। आरोपी घर पर नहीं मिला।
फर्जी स्टांप, टिकटों की तस्करी का है मामला यूपी एटीएस ने गोरखपुर में सितंबर माह में किए फंडाफोड के बाद फर्जी स्टांप प्रकरण में नवाब आरजू को गिरफ्तार किया था। शातिर अपराधी ने बताया था कि गिरोह यूपी, बिहार और दिल्ली के कई जिलों में फर्जी स्टांप पेपरों और टिकटों की तस्करी कर रहा था। वहीं फर्जी स्टांप की तस्करी के मामले में फरिहा के अर्पित का नाम सामने आने के बाद जिले में भी हड़कंप मच गया है। आशंका है कि कहीं अर्पित ने जिले में तो इन फर्जी स्टांप को नहीं खपाया है।
एक सितंबर को अर्पित पर कैंट में दर्ज हुआ केस
पुलिस की जांच में सामने आया कि पश्चिम यूपी का धंधेबाज अर्पित जैन ही फर्जी स्टांप के धंधे में फंडिग कर रहा है। यूपी एटीएस ने एक सितंबर को बिहार सिवान के नवाब आरजू और उसके साथी राजू यादव को रेलवे स्टेशन के पास से फर्जी स्टांप के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में नवाब आरजू ने पुलिस को बताया कि वह पश्चिम के अर्पित जैन की बताई जगहों पर फर्जी स्टांप और टिकट पहुंचा देता हूं, इसके बदले वो पैसे देता है। इस बयान के बाद कैंट थाने में नवाब आरजू, राजू यादव के साथ ही अर्पित जैन के खिलाफ केस दर्ज किया गया। नवाब और राजू को पुलिस ने जेल भेजवा दिया। इसके बाद से ही एटीएस और गोरखपुर की कैंट पुलिस अर्पित जैन की तलाश कर रही है।
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