फर्जी जज बन नर्स, शिक्षिका को दिया झांसा; सरकारी नौकरी वाली से ऐंठ लिए 35 लाख
खुद को आजमगढ़ में तैनात सिविल जज बताने वाले इस शख्स ने शादी करने का प्रस्ताव रखा। पिता और भाई से शादी की चर्चा करने के बाद दिसंबर-2024 में लड़की से फोन कर कहा कि मुझे दहेज नहीं चाहिए, क्योंकि मेरे पास दो नंबर का बहुत पैसा है। शादी से पहले तुम्हारे नाम एक 60-70 लाख की लग्जरी कार ले लेता हूं।

फर्जी जज बनकर केजीएमयू की नर्सिंग ऑफिसर, सचिवालय में तैनात युवती व शिक्षिका को शादी का झांसा देकर एक करोड़ की ठगी करने वाले नटवरलाल विष्णु शंकर गुप्ता का एक और मामला सामने आया है। शातिर ने लखनऊ में सरकारी नौकरी करने वाली युवती को शादी करने का झांसा देकर विश्वास जीता, फिर लग्जरी कार लेने के नाम पर 35 लाख रुपये ठग लिए। फर्जी आधार कार्ड के जरिए ठगी का एहसास होने पर युवती के होश उड़ गए। पीड़िता ने ग्वालटोली थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
फिरोजाबाद निवासी जयवीर सिंह की बेटी मोनिका सरकारी नौकरी करती हैं। तहरीर के अनुसार उनके पिता ने वैवाहिक विज्ञापन दिया था। खुद को आजमगढ़ में तैनात सिविल जज बताने वाले अंशुमन विक्रम सिंह ने शादी करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद पिता व भाई से शादी की चर्चा करने के बाद दिसंबर-2024 में फोन कर कहा कि मुझे दहेज नहीं चाहिए, क्योंकि मेरे पास दो नंबर का बहुत पैसा है। बशर्ते ऐसा करता हूं, शादी से पहले तुम्हारे नाम एक 60-70 लाख की लग्जरी कार ले लेता हूं। फर्जी नाम बताने वाले अंशुमन ने बातों में फंसाकर 40 लाख रुपये देने को कहा। जल्द शादी होने की बात पर विश्वास कर कई बैंकों से 35 लाख रुपये का लोन लिया।
उसके बुलाने पर 29 जनवरी को जब परिवार के लोग मिलने लखनऊ पहुंचे तो आरोपित ने तबीयत खराब होने की बात कही व मिलने नहीं आया। आरोप है कि दो फरवरी को कार खरीदने के बहाने रुपयों के साथ रेव थ्री चौराहे के पास बुलाया। उससे मिलने पहुंची तो 35 लाख रुपये ले लिए। जल्द लग्जरी कार से दोबारा मिलने की बात कहते हुए आधार कार्ड दिया। रुपये लेकर रफूचक्कर होने के बाद नटवरलाल का नंबर बंद आने लगा। इसके बाद आधार कार्ड की जांच कराई तो वह फर्जी निकला। थाना प्रभारी ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। आरोपित का असली नाम विष्णु शंकर गुप्ता है जो फर्जी जज बताकर तीन युवतियों से 1.08 करोड़ की ठगी कर चुका है।
वेबसाइट चेक में फर्जी जज का था जिक्र
मोनिका का आरोप है कि सिविल जज बताने वाले अंशुमन विक्रम सिंह ने हाईकोर्ट की वेबसाइट चेक करने की बात कही। आरोप है कि वेबसाइट चेक करने पर वाराणसी निवासी शातिर अंशुमन विक्रम का एशिनल सिविल जज जूनियर डिवीजन आजमगढ़ का विवरण प्राप्त हुआ।
फर्जी दस्तावेज का खेल फिर आया सामने
विष्णु शंकर ने केजीएमयू की नर्सिंग ऑफिसर से 59 लाख, सचिवालय में तैनात युवती से 49 लाख और फतेहपुर के जहानाबाद में रहने वाली शिक्षिका विजय लक्ष्मी गुप्ता से 9. 27 लाख की ठगी कर चुका है। इसके बाद विजय लक्ष्मी का भावी पत्नी का स्टेटस लगाया। वोटर आईडी कार्ड में हेरफेर कर कानपुर का पता दर्शाकर कार फाइनेंस कराई।




