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राम मंदिर निर्विघ्न पूरा कराने के लिए शुरू हुआ अनुष्ठान

ट्रस्ट का निर्णय फकीरेराम मंदिर में मंदिर निर्माण प्रभारी ने पूजन के

राम मंदिर निर्विघ्न पूरा कराने के लिए शुरू हुआ अनुष्ठान
हिन्दुस्तान टीम,फैजाबादWed, 19 Jan 2022 07:40 PM
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ट्रस्ट का निर्णय

फकीरेराम मंदिर में मंदिर निर्माण प्रभारी ने पूजन के साथ कराया शुरू

मंदिर निर्माण पूरा होने तक अनवरत चलेगा संकल्पित अनुष्ठान : चंपत राय

इस अनुष्ठान में श्रीराम नाम के अखंड संकीर्तन के अलावा प्रतिदिन हनुमान चालीसा का 108 पाठ व सुंदरकाड का पारायण होगा

अयोध्या। संवाददाता

रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर का निर्विघ्न पूरा हो जाए, इसके लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से माघ कृष्ण द्वितीया बुधवार से अनिश्चित कालीन अनुष्ठान का शुभारम्भ किया गया है। यह अनुष्ठान रामजन्मभूमि परिसर से सटे फकीरेराम मंदिर परिसर में शुरू किया गया है। सुबह सात बजे से सायं सात बजे तक 12 घंटे के इस अनुष्ठान में श्रीराम नाम अखंड संकीर्तन के अलावा 108 हनुमान चालीसा का पाठ एवं सुंदरकाड का पाठ प्रतिदिन किया जाएगा।

इस अनुष्ठान के लिए अलग-अलग टीम तय कर दी गयी है। अनुष्ठान के श्रीगणेश से पहले मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने संकल्प के साथ पूजन किया। तदुपरांत अनुष्ठान शुरू हो गया। रामजन्मभूमि ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने कहा कि हमारा एक ही लक्ष्य है, मंदिर निर्माण। मंदिर निर्माण का हेतु भी देवाराधन ही है। यहां जो कुछ भी घटित हो रहा है, वह सब ईश्वरीय कृपा से ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभु ने हम लोगों को निमित्त बनाया है, यह अपने आप में हम सबका सौभाग्य है। अनेकानेक महापुरुषों ने इस स्थान के लिए संघर्ष किया लेकिन वह आज नहीं हैं। फिर भी ईश्वर ने हमें मौका दिया है तो हम उनके कृतज्ञ बने रहे और उनका गुणगान करते रहें। यही उद्देश्य है।

ट्रस्ट ने फकीरेराम को विनिमय के आधार पर किया हस्तगत

फकीरेराम मंदिर रामजन्मभूमि के 70 एकड़ परिसर से बाहर है लेकिन राम मंदिर के परकोटे के निर्माण के रास्ते में यह मंदिर आड़े आ रहा था। विवादित ढांचा गिरने के बाद इस मंदिर के तत्कालीन महंत युगल किशोर शरण ने अपने मंदिर के विशाल परिसर को सीआरपीएफ के आवास के लिए किराए पर दे दिया। उनका यह निर्णय उन्हीं पर इतना भारी पड़ गया कि मंदिर में उनके अकेले के अलावा किसी दूसरे का प्रवेश ही बंद हो गया। इसके अलावा उन्हें किराया भी नहीं मिला। किराए के लिए उन्होंने मुकदमा भी किया। फिर भी सफलता नहीं मिली। पुन: सीआरपीएफ से मंदिर को मुक्त कराने के लिए संत समाज से मदद मांगी लेकिन उन्हें सहयोग नहीं मिला तो नाराज होकर उन्होंने मंदिर में पूजा-पाठ बंद कर दिया। तब से मंदिर में पूजा बंद थी। कुछ साल पहले उनका देहांत हो गया। इसके बाद उनके उत्तराधिकारी के लिए भी वही समस्या थी। इस बीच जब ट्रस्ट का आफर मिला तो उन्होंने सहर्ष मंदिर के बदले में नौ बिस्वा जमीन व मंदिर निर्माण के लिए तीन करोड़ 60 लाख लेकर अधिकार बजरिए रजिस्ट्री अंतरित कर दिया है।

दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अन्तरण को सिविल कोर्ट में दी है चुनौती

रामजन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से आसपास के जमीनों को खरीदने से खफा दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वाराणसी से यहां आकर तत्कालीन निर्मोही अखाड़ा के अधिवक्ता रणजीत लाल वर्मा के माध्यम से सिविल जज सीनियर डिवीजन, अयोध्या की अदालत में मुकदमा दायर करा दिया है। इस मुकदमे के वादी दंडी स्वामी की ओर से उनके प्रतिनिधि उत्तम शर्मा व दिनेश कुमार है। फिलहाल इस मामले में सम्मन के बाद प्रतिवादी पक्षों ने अपना-अपना पक्ष लिखित रूप में अदालत में प्रस्तुत कर दिया है लेकिन सुनवाई नहीं शुरू हो पाई। कोरोना के कारण बार-बार डेट पड़ रही है।

रामजन्मभूमि में राफ्ट का निर्माण आज रात्रि में हो जाएगा पूरा

रामजन्मभूमि में फाउंडेशन निर्माण के बाद डेढ़ मीटर की राफ्ट का निर्माण कांक्रीट ढ़लाई के जरिए हो रहा है। इस राफ्ट को मजबूत बनाने के लिए इसका निर्माण न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस पर किया जाना था। इसके कारण निर्माण कार्य के लिए रात्रि का समय निर्धारित किया गया। इसके अतिरिक्त पूरे क्षेत्रफल में निर्माण के लिए 98 खंड किए गये और उसे दो अलग-अलग भागों में निर्माण का निर्णय लिया गया। पहला भाग गर्भगृह स्थल था जिसमें कुल 31 खंड थे और शेष भाग में 67 खंड। उसी के अनुसार सांचा बनाया गया जो कि नौ गुणा नौ फिट का था। पहले भाग के मध्य में एक खंड अब तक मसाले की भराई से छूटा था जिसे गुरुवार की रात्रि को भरा जाएगा। इसके 14 दिनों के उपरांत तीसरे चरण में सुपर स्ट्रक्चर के प्लिंथ का निर्माण शुरु होगा।

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