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विकास को तरस रहा परिषदीय विद्यालय भावापुर

बीकापुर संवाददाता। सर्वशिक्षा अभियान के तहत सरकार भले ही पैसे पानी की तरह बहा...

विकास को तरस रहा परिषदीय विद्यालय भावापुर
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,फैजाबादWed, 24 Aug 2022 11:30 PM
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बीकापुर संवाददाता। सर्वशिक्षा अभियान के तहत सरकार भले ही पैसे पानी की तरह बहा रही हो लेकिन हकीकत में इसकी तस्वीर दूसरी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कंपोजिट विद्यालय भावापुर सहित अन्य हैं, जिनकी चहारदीवारी का आज तक निर्माण नहीं हो पाया है तो वहीं दूसरी तरफ विद्यालय में विकलांगों के लिए बने शौचालय पर जाने के लिए बने रैंप टूटे हैं।

कंपोजिट विद्यालय भावापुर में चहारदीवारी न होने से एक तरफ जहां खुले में घूम रहे जानवरों के बेरोकटोक विद्यालय परिसर में प्रवेश करने से छात्र -छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं तो दूसरी तरफ पठन-पाठन में भी अवरोध उत्पन्न होता है। विद्यालय के सामने खुला होने से इसमें अराजक तत्वों का भी जमावड़ा लगा रहता है। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है। स्कूल की छुट्टी, मध्य अवकाश के समय चहारदीवारी न होने से स्कूलों में खेलते बच्चों की सुरक्षा खतरे में रहता है। ऐसे में बच्चों के स्कूल आते-जाते हर वक्त किसी दुर्घटना का भय बना रहता है। मध्य अवकाश में जब बच्चे दोपहर का भोजन करने के बाद खेलने जाते हैं तो चिंताएं और बढ़ जाती हैं। चहारदीवारी न होने से विद्यालय में चोरी का भय बना रहता है। स्कूल परिसर में रखे गए एमडीएम के बर्तन सिलेंडर फर्नीचर व अन्य जरूरी कागजातों की सुरक्षा भगवान भरोसे होते हंै।

वहीं दूसरी तरफ विद्यालय में दिव्यांग बच्चों की सुविधा को देखते हुए विशेष शौचालय का निर्माण भी कराया गया। शौचालय के पास रैंप की भी सुविधा दी गई लेकिन अब वो टूट गई है, जिससे दिव्यांग बच्चों को शौचालय तक पहुंचने में काफी दिक्कत हो रही है लेकिन विभाग उसे नजरअंदाज किया हुआ है। विद्यालय का आधा परिसर जंगल झाड़ियों से पटा हुआ है। हर समय जहरीले जीव-जंतु निकलते रहते हैं। सफाई के नाम पर खिलवाड़ हो रहा है।

विद्यालय की प्रधानाध्यापक अमृता यादव का कहना है कि विद्यालय की जर्जर व्यवस्था की जानकारी विभाग को बहुत पहले ही दी जा चुकी है लेकिन न तो विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई हुई और न ही पंचायत विभाग से। शिक्षा विभाग के अनुसार इसके निर्माण कराने का प्रस्ताव पंचायतों को काफी पहले ही भेजा जा चुका है। ग्राम प्रधान हरिप्रसाद निषाद का कहना है कि सरकार द्वारा पैसा दिया जाए तो विद्यालय की चहारदीवारी जल्द ही बनवा दी जाएगी।

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