गर्मी ने दिखाए तेवर तो बिजली भी करने लगी परेशान
इटावा। संवाददाता जून में जैसे ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाए, बिजली भी परेशान...
इटावा। संवाददाता
जून में जैसे ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाए, बिजली भी परेशान करने लगी है। पूरे जिलेे लोग बिजली की समस्या से परेशान हैं। स्थिति यह है कि शहर और गांव में बिजली की अघोषित कटौती खूब परेशान कर रही है। गांवों में ज्यादा कटौती हाेरही है तो शहरों में भी बिजली घंटो गुल रहती है। स्थिति यह है कि बिजली कभी भी चली जाती है और फिर एक घंटे से पहले तो बिजली के दर्शन नहीं होते। दिन और रात में कई बार बिजली आती जाती रहती है।
गमी के दिनों में बिजली की जरुरत ज्यादा होती है लेकिन हालत यह है कि शहर में तो अघोषित कटौती हो रही है। गांवों में स्थिति यह है कि बिजली ना दिन में रहती है और ना रात में रहती है। बिजली के आने जाने का कोई समय ही निर्धारित नहीं है। एक बार बिजली गई तो फिर घंटों तक बिजली के दर्शन नहीं होते। रोस्टर के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति होनी चाहिए। इसके विपरीत ग्रामीण इलाकों में औसतन 10 से12 घंटे की आपूर्ति हो पा रही है। मांग और आपूर्ति में काफी अंतर है। इसी का नतीजा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अलग अलग समय पर 10 से12 घंटे तक की कटौती हो रही है। रोस्टर के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे और जिला मुख्यालय पर 24 घंटे बिजली आपूर्ति होनी चाहिए। इसके बावजूद शहरी इलाकों में औसतन 16 से 17 घंटे तक आपूर्ति हो पा रही है। जिले के सभी हिस्सों के ग्रामीण इलाकों में इससे कहीं ज्यादा कटौती हो रही है। पूरे जिले में यही स्थिति है। ग्रामीणों का कहना है कि 10 से 12 घंटे से ज्यादा बिजली उन्हें नहीं मिल पा रही है। अभी खेती का काम भी शुरु हो जाएगा और बिजली अभी से परेशान करने में लगी है।
यह है स्थिति
बिजली सप्लाई शहरी क्षेत्र 18 घंटे
बिजली सप्लाई ग्रामीण क्षेत्र 13 से 14 घंटे
ट्रांसफार्मर फुकने का औसत- 3 से 4 प्रतिदिन
इस तरह गुल रहती है बिजली
जिला मुख्यालय 18 घंटे
भरथना 13 घंटे
जसवंतनगर 14 घंटे
बकेवर 13 घंटे
चकरनगर 12 घंटे
ताखा 14 घंटे
बलरई 13 घंटे
रोजाना फुक रहे हैं तीन से चार ट्रांसफार्मर
इटावा। बिजली की ओवर लोडिंग के कारण विभाग भी परेशान है। स्थिति यह है कि जिले भर में इन दिनों रोजाना तीन से चार ट्रांसफार्मर फुंंक रहे हैं और इन फुके ट्रांसफार्मरों के स्थान पर स्टोर से लेकर नये ट्रांंसफार्मर लगाए जा रहे हैं। जैसे गर्मी बढ़ती है फुकने वाले ट्रांसफार्मरों संख्या भी बढ़ जाती है। औसतन दो ट्रांसफार्मर ताेशहरी क्षेत्र में ही फुक जाते हैं। खराब भी होते रहते हैं जिनकी मरम्मत का काम चलता रहता है।
कभी फाल्ट तो कभी पावर कट
इटावा। बिजली सप्लाई की स्थिति यह है कि अधिक लाइन लॉस के क्षेत्रों में बिना शेडयूल के ही पावर कट हो जाता है। इसी तरह फाल्ट होना भी आम बात हो गई है। बिना बताए ही लाइन में फाल्ट कहकर अघोषित कट लगाए जा रहे है। लाइन लॉस वाले क्षेत्रों में कई कई घंटे के लिये पावर कट कर दिया जाता है। ऐसे में लोग खासे परेशान होते हैं। भीषण गर्मी इस परेशानी को और भी बढ़ा रही है।
ओवर लोडिंग और फाल्ट बन गए बड़ी समस्या
इटावा। शहरी तथा देहाती इलाकों में ज्यादातर समय ओवरलोडिंग व फाल्ट के चलते बिजली गुल हो जाती है। विभागीय अधिकारी तो बिजली गुल होने का कारण ओवरलोडिंग बताते हैं। इसके साथ ही फाल्ट भी होते रहते हैँ। गर्मी के मौसम में फाल्ट भी बढ़ जाते हैं। इधर फाल्ट हुआ और उधर बिजली गई। फिर फाल्ट की मरम्मत के लिए शट डाउन लिया जाता है और शट डाउन के कारण भी बिजली काफी समय तक गुल रहती है। इसके चलते गांवों में बिजली सप्लाई 10 से 12 घंटे तक ही हो पाती है। शहर में भी मुश्किल से 18 घंटे ही बिजली सप्लाई मिल पा रही है।
शट डाउन के कारण गुल रहती है बत्ती
इटावा। बिजली सप्लाई में फाल्ट होने के कारण मरम्मत केलिए शट डाउन लिया जाता है। इस शट डाउन के लिए भी काफी समय तक बिजली गुल रहती है। इससे लोग परेशान रहते हैं। इन दिनों ओवरलोडिंग और ्रतेज हवा तथा आंधी के कारण अक्सर फाल्ट हो जाते है और फाल्ट को ठीक करने के लिए शट डाउन लिया जाता है और इस शट डाउन के कारण काफी समय बिजली गुल रहती है।