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डॉक्टर की लापरवाही ने ली नवजात मासूम की जान

इकदिल थाना क्षेत्र के जगमोहनपुर की रहने वाली महिला की नार्मल डिलीवरी होने के बाद भी बच्चे की मौत हो गई। जिला अस्पताल में गुमराह करके महिला को एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भेज दिया गया था। जगमोहनपुर के...

डॉक्टर की लापरवाही ने ली नवजात मासूम की जान
हिन्दुस्तान टीम,इटावा औरैयाSun, 16 Feb 2020 10:21 PM
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इकदिल थाना क्षेत्र के जगमोहनपुर की रहने वाली महिला की नार्मल डिलीवरी होने के बाद भी बच्चे की मौत हो गई। जिला अस्पताल में गुमराह करके महिला को एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भेज दिया गया था। जगमोहनपुर के रहने वाले शीशराम (लालू)की पत्नी आरती को 13 फरवरी की दोपहर लगभग 3 बजे स्थानीय आशा सुदामा ने जिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती कराया था। उसके बाद अस्पताल में महिला की डिलीवरी के लिए पैसों की मांग की गई। जब पैसे नहीं मिले तो कहा गया कि बच्चा खत्म हो गया और नर्सिंग होम में आपरेशन कराना होगा। इस पर परिवार के लोग उसको एक नर्सिंग होम में ले गए। नर्सिंग होम में मोटी फीस देने के बाद उसकी नार्मल डिलीवरी कराई गई और बच्चे के स्वस्थ होने की जानकारी पर परिजनों में खुशी का ठिकाना नहीं था। लेकिन एक घंटे बाद ही अस्पताल स्टाफ ने बच्चे की मौत की जानकारी दी। इससे परिवार के लोगों में खासा आक्रोश है। इस मामले की शिकायत सीएमओ से की गई है। शिकायत में कहा कि जब बच्चा पेट में ही मर चुका था तो नर्सिंग होम में नार्मल डिलीवरी कैसे हो सकती है। असल में जिला अस्पताल हो या कोई भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र अधिकतर डॉक्टर मरीज को भर्ती करने के बजाय अपने सेटिंग वाले नर्सिंग होम में भेज देते हैं और वहां से मोटा कमीशन लेते हैं। अब परिजनों को तो पता भी नहीं है कि वास्तव में नर्सिंग होम में नार्मल डिलीवरी के नाम पर ठगी की गई है या फिर जिला अस्पताल ने पैसे न मिलने पर उनको झूठ बोलकर टरका दिया था कि बच्चे की मौत हो चुकी है। सीएमओ ने बताया कि मामले की छानबीन की जाएगी।

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