कोरोना में मंगाये वेंटीलेटर फांक रहे हैं धूल, महामारी में ही आएंगे काम
Etawah-auraiya News - कोरोना के बाद से स्वास्थ्य विभाग की पंगु व्यवस्थाओं को लगे पंखजिले में ऑक्सीजन और वेंटीलेटर का अब नहीं पड़ेगा मरीजों को टोटा फोटो.31. एलटू अस्पताल में

इटावा। कार्यालय संवाददाता। पांच साल पहले आई कोरोना महामारी से निपटने को जिले में की गई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का लाभ अब इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को मिल रहा है। कोरोना मरीजों के लिये अलग से बनाये गये वार्ड को बच्चों के लिये आरक्षित कर दिया गया है। हालांकि तब आये 18 वेंटीलेटर धूल फांक रहे हैं, वेंटीलेटर एक कमरे में बंद करके रखे गये हैं। विभाग इनकी सप्ताह में एक बार टेस्टिंग करता है। हर साल 27 दिसम्बर को विश्व महामारी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य महामारी की रोकथाम और तैयारी के बारे में शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना है। कोरोना जैसी घातक महामारी का दंश देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व झेल चुका है। कोरोना जैसी महामारी से सबक लेकर सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार किया है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अगर फिर से कोरोना जैसी कोई नई महामारी आती है तो उससे निपटने के लिए विभाग पूरी तरह से तैयार है ।
जिला अस्पताल की एमसीएच विंग में बच्चों के लिए अलग से विशेष पीकू वार्ड बना हुआ हैं। वहीं ऑक्सीजन की कोई समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए जिले में नौ ऑक्सीजन प्लांट भी जिले के अस्पतालों में लगाए गए है। जिनमें से सात प्लांट चालू हालत में हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए पाइप लाइन भी डाली गई है। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, बाई पैप,इमरजेंसी दवाई दवाओं की व्यवस्था की गई है। मुख्यालय पर जिला महिला अस्पताल की एमसीएच विंग में बने कोविड अस्पताल में 18 वेंटिलेटर की व्यवस्था है। कुल मिलाकर अगर कोई नई महामारी अब फैलती है तो उससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से निपटने के दावे कर रहा है। एलटू अस्पताल के प्रभारी डा. अरुण का कहना है कि उनके अस्पताल के लिए लगाया गया ऑक्सीजन प्लांट भी बराबर चल रहा है और वेंटीलेटर के साथ अपने जो भी मशीनें लगी हुई है उन्हें भी समय-समय पर संचालित किया जाता है।
बच्चों के लिए अलग से है पीकू वार्ड की व्यवस्था
इटावा। कोरोना के बाद से अभी तक अस्पतालों में बच्चों के लिए अलग से पीकू वार्ड बने हुये हैं। इन पीकू वार्ड में ऑक्सीजन की बेड तक सप्लाई के साथ अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। जिला महिला अस्पताल की एमसीएच विंग में 100 बेड का कोविड अस्पताल बनाया गया था। जिसमें अब अलग से 20 बेड का पीकू वार्ड है। इसके अलावा बकेवर के रामाधीन शर्मा अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदी व भरथना में 30- 30 बेड के अस्पताल बनाए गए थे। इनमें 10-10 बेड के पीकू वार्ड हैं। जबकि सैफई मेडिकल कॉलेज में 200 बेड का एलबन कोविड अस्पताल बना था। यहां पर बच्चों के लिए 50 बेड का अलग से पीकू वार्ड बनाया गया है।
जिले में लगे हैं नौ ऑक्सीजन प्लांट
इटावा। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन के लिए काफी मारामारी रही थी। जिसके कारण काफी मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। लेकिन तीसरी लहर की आशंका से पहले सरकार के द्वारा ऑक्सीजन की पहले से ही भरपूर व्यवस्था की गई थी। इसी के चलते जिले में 9 ऑक्सीजन प्लांट लगाये गये थे। सैफई मेडिकल कॉलेज में 3, जिला पुरुष अस्पताल में दो, जिला महिला अस्पताल में 1, बकेवर के रामाधीन शर्मा अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदी व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भरथना में एक-एक ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है। इन सभी प्लांटों के द्वारा वार्डो में बेड तक ऑक्सीजन की सप्लाई देने की व्यवस्था की गई है।
एलटू कोविड अस्पताल में संसाधनों की स्थिति
ऑक्सीजन प्लांट 750 एलपीएम
बेड की संख्या 100
पीकू बेड की संख्या 20
वेंटिलेटर की संख्या 18
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 120
बाईपेप की संख्या 1
जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर 11
बी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर 45
सभी बेड पर ऑक्सीजन पाइप लाइन की व्यवस्था
कोरोना की तरह अगर अब कोई दूसरी महामारी फैलती है तो स्वास्थ्य विभाग के पास सभी तैयारियां पूरी है। जिले में नौ आक्सीजन प्लांट है। जबकि साढ़े 300 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी हैं 18 वेंटीलेटर व वाई पैप की भी व्यवस्था है। जो उपकरण लगे हुए हैं सभी की बराबर स्टाफ के द्वारा चैकिंग की जाती है और सभी ऑक्सीजन प्लांट चालू हालत में है।
डा. गीताराम, सीएमओ, इटावा।
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