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संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है हिन्दी

हिन्दी केवल भाषा ही नहीं अपितु हमारी भारतीय संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है। हमें हिन्दी बोलने में शर्म का नहीं बल्कि गर्व का भाव मन में लाना चाहिए। हिन्दी न केवल राष्ट्रीय भाषा बल्कि अब ये...

संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है हिन्दी
हिन्दुस्तान टीम,इटावा औरैयाMon, 14 Sep 2020 11:14 PM
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हिन्दी केवल भाषा ही नहीं अपितु हमारी भारतीय संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है। हमें हिन्दी बोलने में शर्म का नहीं बल्कि गर्व का भाव मन में लाना चाहिए। हिन्दी न केवल राष्ट्रीय भाषा बल्कि अब ये अंतराष्ट्रीय भाषा बन चुकी है। यह विचार पचदेवरा रोड स्थित जीसी जीनियस पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य सुनील दत्त अवस्थी ने हिन्दी दिवस पर आयोजित समारोह में कही। उन्होंने मौजूद लोगों को हिन्दी का महत्व बताया और प्रचार प्रसार का संकल्प भी दिलवाया।

समारोह में हिन्दी भाषा के महारथी भारतेंदु हरिश्चंद्र के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। चेयरमेन प्रत्युष कुमार तिवारी ऐवम मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ उदयवीर सिंह ने कहा कि आज विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी हमारी भाषा और संस्कृति को जानने के लिए हमारे देश का रुख कर रहे हैं। एक हिन्दुस्तानी को कम से कम अपनी भाषा यानी हिन्दी तो आनी ही चाहिए, साथ ही हमें हिन्दी का सम्मान भी करना सीखना होगा। कार्यक्रम में विद्यालय के अध्यापक और क्षेत्र के प्रमुख लोग मौजूद रहे।

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