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धान बेचने के लिए परेशान हो रहे किसान

धान की खरीद की शुरुआत तो 15 अक्टूबर से शुरु हो गई थी लेकिन दस दिन बीत जाने के बाद भी धान की खरीद ढर्रे पर नहीं आ पाई है। स्थिति यह है कि जो किसान पहुंच रहे है उन्हे भी नमी ज्यादा होने के बहाने से...

धान बेचने के लिए परेशान हो रहे किसान
हिन्दुस्तान टीम,इटावा औरैयाFri, 23 Oct 2020 06:31 PM
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धान की खरीद की शुरुआत तो 15 अक्टूबर से शुरु हो गई थी लेकिन दस दिन बीत जाने के बाद भी धान की खरीद ढर्रे पर नहीं आ पाई है। स्थिति यह है कि जो किसान पहुंच रहे है उन्हे भी नमी ज्यादा होने के बहाने से वापस किया जा रहा है। इसके चलते किसानों को अपने धान को औने पौने दामों पर बेंचना पड़ रहा है। सरकार ने किसानों के लिए जो न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है वह भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। धान खरीदने के लिए खोले गए केंद्रों पर धान खरीद का काम काफी धीमी गति से चल रहा है।

जिले के जसवंतनगर में ही नवीन मंडी स्थल पर विपणन शाखा के धान खरीद केंद्र पर शुक्रवार तक सिर्फ 351 कुंतल धान की खरीद ही हो पाई थी । इस केंद्र पर तैनात वरिष्ठ हाट निरीक्षक उमाशंकर साहू ने बताया कि सरकार द्वारा खरीदा जाने वाला क्रांति किस्म का धान इस मंडी में अभी बहुत कम आ रहा है तथा जो भी आ रहा है उसमें अभी नमी का स्तर काफी ज्यादा होने की वजह से किसानों को उसे और सुखाकर लाने के लिए सलाह दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी बहुत से किसानों ने अभी तक कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है इस कारण भी उनका धान खरीदने में समस्या आ रही हैं हालांकि उनके विभाग द्वारा किसानों को रजिस्ट्रेशन आदि की पूरी सलाह दी जा रही है। इसी प्रकार नवीन मंडी स्थल में ही दूसरा धान खरीद केंद्र भी खुल गया है जिसमें अभी तक सिर्फ 80 कुंतल धान की खरीद की जा चुकी है। इस केंद्र पर तैनात एएमओ राजेश पटेल के अनुसार केंद्रों पर खरीद की कोई समस्या नहीं है बल्कि किसानों के कागजात पूरे ना होने के कारण ज्यादा समस्याएं आ रही हैं। किसानों को अभी यह भी पता नहीं है कि रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है फिलहाल उन्हे रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए भेजा जा रहा है और उनका धान मानक के अनुसार होने पर खरीद की जा रही है।

नवीन मंडी स्थल जसवंतनगर में धान की काफी आवक है तथा धान के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए हैं। धान अलग अलग किस्म के हैं और बहुत से किसान सरकारी क्रय केंद्र पर धान बेचने का ध्यान न रखकर अपने हिसाब से ज्यादा पैदावार वाले धान की किस्मों की बुवाई करता है और मंडी में आढ़तियों को सीधे बेच रहा है। इस समय सरकारी धान खरीद केंद्रों पर सन्नाटा है। कुछ किसान यह भी आरोप लगा रहे हैं कि बिचौलियों की मिलीभगत से किसानों को परेशानी हो रही है।

धान खरीद केन्द्रों पर सभी व्यवस्थाएं की गईं हैं। वहां किसानों का धान खरीदा जा रहा है। किसान जल्दबाजी न करेें और धान को सुखाकर ही खरीद केन्द्रों पर ले जाएं ताकि धान खरीद में परेशानी न हो। धान खरीद में नमी का एक मानक रखा गया है और उसी मानक के हिसाब से धान खरीद केन्द्रों पर खरीद होगी। यदि किसानों को नमी ज्यादा बताई जाती है तो वे एक दो दिन सुखाने के बाद ही धान को खरीद केन्द्र पर ले जाएं।

संतोष पटेल- जिला खाद्य विपणन अधिकारी

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